केंद्र सरकार ने जुलाई 2016 में बिहार के मोतीहारी (पूर्वी चंपारण जिला) में कृषि एवं डेयरी विकास केन्द्र की स्थापना की. इसके तहत केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने मोतीहारी के पिपराकोठी क्षेत्र में कृषि एवं डेयरी विकास केन्द्र का 10 जुलाई 2016 को शुभारंभ किया.
बिहार के मोतीहारी में स्थापित इस नये कृषि एवं डेयरी विकास केन्द्र के संचालन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल को सौंपी गयी है. यह केन्द्र पशुओं की नस्ल सुधार, प्रजनन, पोषण, स्वास्थ्य प्रबंधन, स्वच्छ दुग्ध उत्पादन और दूध से बनने वाले विभिन्न उत्पादों से संबंधित नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराने के साथ–साथ बेरोजगार नौजवानों को प्रशिक्षण भी देगा.
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल में उच्च दुग्ध उत्पादन करनेवाली बेहतरीन गांयें जैसे साहिवाल, थारपारकर और गीर मौजूद हैं. भैंसों में मुर्रा नस्ल के पशु मौजूद हैं जिनका संतति परीक्षित वीर्य इस केन्द्र के माध्यम से लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा.
विदित हो कि भारत दूध के उत्पादन के मामले में दुनिया में नंबर वन है, लेकिन अभी भी हमारे पशुओं की उत्पादकता कम है और इनकी वजह हैं अच्छे नस्ल के पशुओं की कमी, चारे की कमी, कुपोषण, दोषपूर्ण प्रबंधन एवं अनियमित प्रजनन आदि. इन समस्याओं के निवारण के भारत सरकार ने इस तरह के केन्द्र स्थापित करना प्रारंभ किया है. जिसके माध्यम से वैज्ञानिक संबंधित लोगों को सलाह देंगे.
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