नगालैंड में 6 महीने के लिए बढ़ाया गया AFSPA, जाने इस कानून के बारे में

Dec 30, 2021, 16:23 IST

केंद्र सरकार ने नगालैंड की स्थिति को ‘अशांत और खतरनाक’ बताया है. सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (अफस्पा) के अंतर्गत 30 दिसंबर से अगले छह महीने तक इसको बढ़ा दिया गया है.

AFSPA extended in Nagaland for 6 months
AFSPA extended in Nagaland for 6 months

नगालैंड में विवादित कानून सशस्त्र बल (विशेष) अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) को छह महीने (30 जून 2022) तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इसकी जानकारी गृह मंत्रालय ने दी है. यह कानून सेना को राज्य के अशांत क्षेत्र में कहीं भी स्वतंत्र रूप से संचालित करने के लिए व्यापक अधिकार देता है.

राज्य में मौजूदा स्थिति को देखते हुए इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया है. ताकि प्रदेश में कानून व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके. गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक गजट अधिसूचना के माध्यम से इस संबंध में घोषणा की गई है. अधिसूचना जारी कर कहा गया है कि, पूरे प्रदेश में अशांत और गंभीर स्थिति को देखते हुए सशस्त्र बलों का इस्तेमाल जरूरी है.

6 महीने तक अशांत क्षेत्रघोषित

केंद्र सरकार ने नगालैंड की स्थिति को ‘अशांत और खतरनाक’ बताया है. सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (अफस्पा) के अंतर्गत 30 दिसंबर से अगले छह महीने तक इसको बढ़ा दिया गया है. इस तरह से पूरे राज्य को अगले 6 महीने तक ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया गया है.

कोर्ट ऑफ इंक्वायरी

बता दें कि हाल ही में नागालैंड में (4 दिसंबर 2021) आर्मी की एक कार्रवाई में गलती से 13 आम लोग मारे गए थे, इस संबंध में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (Court of Enquiry) चल रही है. पुलिस के अनुसार गोलीबारी की पहली घटना संदेहात्मक स्थिति पैदा होने के बाद हुई थी.

एक उच्च स्तरीय समिति का गठन

अफस्पा को 6 महीने के लिए आगे बढ़ाने का यह कदम केंद्र सरकार द्वारा नगालैंड से विवादास्पद अफस्पा को वापस लेने की संभावना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन के कुछ दिनों बाद उठाया गया है. अफस्पा नागालैंड में दशकों से लागू है.

गृह मंत्रालय ने क्या कहा?

गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार की राय है कि पूरे नगालैंड राज्य का क्षेत्र इतनी अशांत और खतरनाक स्थिति में है कि नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है.

AFSPA कानून क्या है?

अफस्पा कानून के तहत सेना पांच या इससे ज़्यादा लोगों को एक जगह इक्ट्ठा होने से रोक सकती है. इसके तहत सेना किसी के घर में बिना वारंट के घुसकर तलाशी ले सकती है. ये कानून सेना को बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की ताकत देता है. इस कानून के तहत गोली चलाने के लिए किसी के भी आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ता है. गोलीबारी में यदि किसी की हत्या हो जाती है तो सैनिक पर हत्या का मुकदमा भी नहीं चलेगा. यदि राज्य सरकार या पुलिस प्रशासन, किसी सैनिक या सेना की टुकड़ी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करती है तो कोर्ट में उसके अभियोग के लिए केंद्र सरकार की इजाजत जरूरी होती है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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