केंद्र सरकार ने 01 अप्रैल 2022 को अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम की अवधि बढ़ा दी है. गृह मंत्रालय के जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश के इन क्षेत्रों में अफस्पा इस साल 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक बढ़ाया गया है.
गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों के बाद असम की सीमा से लगे हिमाचल प्रदेश के नामसाई जिले में पड़ने वाले क्षेत्रों को अशांत क्षेत्रों के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में नामसाई और महादेवपुर पुलिस स्टेशनों के तहत आने वाले क्षेत्रों में भी अफस्पा (AFSPA) का विस्तार किया है.
गृह मंत्रालय की अधिसूचना
गृह मंत्रालय की अधिसूचना में जानकारी दी गई कि केंद्र सरकार ने सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अरुणाचल प्रदेश में तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों और असम राज्य की सीमा से लगे नामसाई और महादेवपुर पुलिस स्टेशनों के तहत आने वाले क्षेत्रों को 'अशांत' क्षेत्रों के रूप में घोषित किया है.
AFSPA क्या है?
बता दें कि AFSPA को अशांत इलाकों में लागू किया जाता है. ऐसे इलाकों में सुरक्षाबलों के पास बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की अधिकार होती है और कई मामलों में बल प्रयोग भी किया जा सकता है. इस कानून के अंतर्गत सुरक्षाबलों को किसी के भी घर या परिसर की तलाशी लेने का अधिकार मिला है. यदि सुरक्षाबलों को ऐसा लगता है कि उग्रवादी या उपद्रवी किसी घर या बिल्डिंग में छिपे हैं तो उसे तबाह या बर्बाद किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त वाहनों को रोककर उनकी तलाशी भी ली जा सकती है.
पृष्ठभूमि
केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के इन इलाकों में AFSPA बढ़ाने का फैसला ऐसे समय में लिया है जब उसने दशकों बाद नागालैंड, असम एवं मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के अंतर्गत अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर राज्य में दशकों से लागू आफस्पा कानून को कुछ इलाकों से हटाने का फैसला किया है. बता दें कि इसका पूर्वोत्तर के राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है.
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