केंद्र सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास के लिए ‘किरण’ हेल्पलाइन सेवा शुरू की. देशभर के जिन लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की तलाश है, वे 03 सितम्बर 2020 से ‘किरण’ के माध्यम से इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. यह एक फ्री हेल्पलाइन है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया है.
कोरोना वायरस महामारी औरल लॉकडाउन के दौरान लोगों में मानसिक बीमारियों की दर भी बढ़ी है. केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री, थावर चंद गहलोत ने 27 अगस्त 2020 को मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 'किरण' शुरू किया.
टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय व इसके सहयोगियों द्वारा तैयार हेल्पलाइन 1800-599-0019 का मकसद शुरुआती जांच, प्राथमिक उपचार, मनोवैज्ञानिक समर्थन, तनाव प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी, विचलित व्यवहार के रोकथाम और मनोवैज्ञानिक क्षेत्र में संकट प्रबंधन को उपलब्ध कराना है.
उद्देश्य
मानसिक स्वास्थ्य पुर्नसुधार संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराने के साथ ही हेल्पलाइन का उद्देश्य तनाव, चिंता, डिप्रेशन, पैनिक अटैक, एडजस्टमेंट डिस्ऑर्डर, पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिस्ऑर्डर, सब्सटेंस एब्यूज, सुसाइडल थॉट्स, महामारी के चलते पैदा हुए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराना है.
हेल्पलाइन के बारे में
इस हेल्पलाइन के द्वारा 13 भाषाओं में बात की जा सकती हैं. इसमें किसी भी व्यक्ति, परिवार, गैर सरकारी संगठनों, डीपीओ, माता-पिता संघों, पेशेवर संगठनों, पुनर्वास संस्थानों, अस्पतालों या देश भर में समर्थन की आवश्यकता वाले किसी भी व्यक्ति के लिए सहायता प्रदान करेगी. इसमें लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, आठ उत्तर-पूर्वी राज्य के साथ अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप शामिल है.
प्रति घंटे 300 लोगों को संभालने की क्षमता के साथ 660 वॉलेंटियर्स नैदानिक और पुनर्वास मनोवैज्ञानिक, 668 वॉलेंटियर मनोचिकित्सकों के साथ-साथ 75 विशेषज्ञ हेल्पलाइन के 25 केंद्रों में शामिल किए जाएंगे.
इस हेल्पलाइन का समन्वय नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द एम्पावरमेंट ऑफ पर्सन्स फॉर मल्टीपल डिसेबिलिटी (NIEPMD, चेन्नई) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ रिहैबिलिटेशन (NIMHR, सीहोर) द्वारा किया जाएगा.
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