केंद्र सरकार ने सभी तरह के प्याज के निर्यात पर लगी रोक को हटा लिया है. यह आदेश अगले साल के 01 जनवरी 2021 से प्रभावी हो जाएगा. सरकार ने इससे पहले सितंबर में प्याज के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था.
केंद्र सरकार ने 28 दिसंबर 2020 को एक आदेश जारी किया जिसमें एक जनवरी 2021 से प्याज की सभी किस्मों के निर्यात की अनुमति दी गई है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि प्याज की सभी किस्मों का निर्यात एक जनवरी 2021 से पाबंदियों से मुक्त कर दिया गया है. डीजीएफटी वाणिज्य मंत्रालय के तहत आता है, जो निर्यात और आयात से संबंधित मुद्दों पर निर्णय लेता है.
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने क्या कहा?
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा प्याज के निर्यात की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है. निर्यातक अब देश से प्याज का निर्यात कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इससे हमारे कृषि उत्पादों की विदेश तक पहुंच होगी तथा साथ ही किसानों की आय भी बढ़ेगी.
Government of India allows export of all varieties of onions with effect from 1st January 2021 pic.twitter.com/8yMPwVnui5
— ANI (@ANI) December 28, 2020
प्याज के निर्यात पर रोक क्यों लगी थी?
केंद्र सरकार ने 14 सितंबर 2020 को प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर रोक लगा दी थी. सरकार ने यह फैसला देश में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और घरेलू बाजार में लगातार बढ़ती कीमत को नियंत्रित करने के लिए लिया था.
भारी बारिश के चलते प्याज की फसल को नुकसान
इस बार दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश के चलते प्याज की फसल को खासा नुकसान हुआ है. इसके चलते घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें भी काफी बढ़ गई थीं. भारत ने अप्रैल से जून के बीच लगभग 19.8 करोड़ डॉलर के प्याज का निर्यात किया है. भारत से सबसे ज्यादा प्याज का निर्यात श्रीलंका, बांग्लादेश, मलयेशिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को होता है. पिछले साल 44 करोड़ डॉलर के प्याज का निर्यात किया गया था.
इससे पहले भी प्याज के निर्यात पर रोक लगी थी?
केंद्र सरकार ने इससे पहले सितंबर 2019 में भी प्याज के निर्यात पर रोक लगाई थी. उस समय मांग और आपूर्ति में बहुत ज्यादा अंतर आ जाने की वजह से प्याज की कीमतें आसमान छूने लगी थीं. महाराष्ट्र जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में बारिश और बाढ़ के चलते प्याज की फसल को भारी नुकसान पहुंचा था.
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