भारत सरकार ने चीनी नागरिकों के लिए सख्त वीजा मानदंड लागू किए हैं. ये मानदंड चीन को अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे प्राइम रेफरल श्रेणी के देशों के बराबर लाएंगे.
गृह मंत्रालय ने व्यापार वीजा देने के अपने नवीनतम दिशानिर्देशों में इन ‘चीनी नागरिकों के लिए विशिष्ट प्रावधान’ पेश किए हैं, जिसमें विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) को रिपोर्ट करना शामिल है.
गृह मंत्रालय के ये नवीनतम निर्देश कोरोना वायरस महामारी के कारण भारत में चल रहे यात्रा प्रतिबंधों के मद्देनजर वीजा नियमों में किये गये बड़े बदलावों का हिस्सा हैं.
चीनी व्यापार वीजा धारकों के लिए गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश
• गृह मंत्रालय ने अपने 72 पन्नों के इन दिशा-निर्देशों में चिकित्सा, रोजगार, छात्र और अनुसंधान वीजा के अनुदान की शर्तों को निर्धारित किया है और यह कहा है कि, अगर चीनी व्यापार वीज़ा धारकों का प्रवास एक कैलेंडर वर्ष में 180 दिनों से अधिक हो, तो उन सभी चीनी व्यापार वीज़ा धारकों के लिए अपने प्रवास के दौरान खुद को FRRO में पंजीकृत कराना आवश्यक है.
• गृह मंत्रालय के अनुसार, विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) को प्रत्येक मामले और योग्यता के आधार पर चीनी नागरिकों को व्यापार वीजा प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया है.
इन तीन श्रेणियों के तहत व्यापार वीजा चीनी प्रदान किया जा सकता है
• विदेशों में भारतीय मिशन एक मान्यता प्राप्त भारतीय संगठन से प्राप्त निमंत्रण पत्र पेश करने वाले चीनी नागरिकों को एक छह-महीने का बहु-प्रविष्टि बी-वीजा प्रदान करने की सिफारिश करने में सक्षम होंगे, बशर्ते कि उनकी भारत में ठहरने की अवधि प्रत्येक यात्रा के दौरान 90 दिनों से कम हो.
• दूसरी श्रेणी में ऐसे चीनी नागरिकों के लिए 60 दिनों का एकल-प्रविष्टि-वीज़ा को शामिल किया गया है, जो किसी मान्यता प्राप्त भारतीय संगठन से प्राप्त निमंत्रण पत्र पेश नहीं कर सकेगा, लेकिन उसके पास विधिवत अधिकृत चीनी संगठन का एक पत्र होगा.
• तीसरी श्रेणी में कम अवधि का एकल प्रविष्टि, बी-वीजा शामिल किया गया है जो ऐसे चीनी नागरिकों के लिए 60 दिनों से अधिक अवधि के लिए नहीं दिया जायेगा, जो विदेश में भारतीय मिशनों द्वारा मंजूरी और कोई भी दस्तावेजी सबूत नहीं दे पाएंगे.
एकाधिक पर्यटक वीजा पर दिशा-निर्देश
• चीन उन 33 देशों में शामिल है, जिनका नाम भारत ने अन्य कई देशों के साथ तुर्की, ईरान, सूडान, सऊदी अरब और अफगानिस्तान के साथ रखा है, जिनके नागरिकों को एक डिफ़ॉल्ट विकल्प के तौर पर 5 साल की अवधि के लिए एकाधिक-प्रवेश वाले पर्यटक वीजा नहीं दिए जा सकते हैं.
• चीन और बांग्लादेश के लिए, समय-समय पर जारी द्विपक्षीय समझौतों और नीति दिशानिर्देशों में उपलब्ध प्रावधान लागू होंगे.
• चीन, अफगानिस्तान, सूडान, इराक, पाकिस्तान मूल के विदेशियों, और राज्य विहीन व्यक्तियों के संबंध में, एक पर्यटक वीजा पर भारत की दो यात्राओं के बीच कम से कम 2 महीने का अंतर होना चाहिए.
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