केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 18 जनवरी 2021 को राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा अभियान की शुरुआत कर दी. भारत में सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करने और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह का आगाज हुआ.
विज्ञान भवन में इस कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया. इस अवसर पर सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत भी मौजूद रहे.
सड़क सुरक्षा अभियान 17 फरवरी तक
सड़क सुरक्षा माह 2021 अभियान के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने हेतु आम-जन मानस को यातायात नियमों के प्रति अधिकाधिक जागरूक किया जाएगा. राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के तहत 18 जनवरी से 17 फरवरी एक माह तक सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जाएगा.
हर सप्ताह अलग-अलग थीम
एनएच-एसएच सड़क पर विशेष वाहन जांच अभियान का आयोजन किया जाएगा. हर सप्ताह अलग-अलग थीम पर जांच अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान सड़क सुरक्षा नियम के उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.
सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा होगी थीम
18 जनवरी 2021 से 17 फरवरी 2021 तक मनाए जाने वाले सड़क सुरक्षा माह की इस बार की थीम 'सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा' तय की गई है. विभाग द्वारा इस थीम पर आधारित विभिन्न गतिविधियां आयोजित करनी होंगी. इसमें ट्रैफिक पुलिस, स्वास्थ्य सूचना और प्रचार, पीडब्ल्यूडी समेत ट्रांसपोर्ट अथारिटी, जिला अथारिटी, स्वैच्छिक संगठनों की भी सहायता ली जा सकती है.
जीडीपी के 3 प्रतिशत का नुकसान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि हमारे देश में जितने सड़क हादसे हो रहे हैं उससे देश की अर्थव्यवस्था में जीडीपी के 3 प्रतिशत का नुकसान होता है. इसलिए इस राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह का हर साल आयोजन महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से 1.5 लाख से अधिक लोगों की जान गई है, लेकिन आज भी सड़क हादसों की वजह से इससे ज़्यादा लोगों की जान जा रही है. ये हमारे लिए कोई सामान्य चुनौती नहीं है.
22 लाख लोगों को रोज़गार
उद्घाटन कार्यक्रम में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि भारत में सड़क दुर्घटना में 415 लोग रोज़ मारे जा रहे हैं. यदि हम साल 2030 तक राह देखते रहेंगे तो 6-7 लाख लोग इसमें मर जाएंगे. उन्होंने कहा कि हमारी इच्छा पिछड़े क्षेत्रों में ड्राइविंग स्कूल खोलने की है. इससे 22 लाख लोगों को रोज़गार मिलेगा. पिछड़े और आदिवासी क्षेत्रों में कौशल विकास मंत्रालय और हमारा मंत्रालय मिलकर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल का काम कर रहे हैं.
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