चीन ने अप्रैल 2017 में अशांत मुस्लिम बहुल शिनझियांग प्रांत में बच्चों के सद्दाम, जिहाद और इस्लाम जैसे दर्जनों इस्लामी नाम रखने पर पाबंदी लगा दी है.
इसके बारे में एक प्रमुख मानवाधिकार समूह का कहना है कि इस कदम से इस समुदाय के बच्चे शिक्षा एवं सरकारी योजनाओं के लाभों से वंचित होंगे. इस प्रांत में मुस्लिम उइगरों की बड़ी आबादी रहती है.
अधिकार समूह ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने बताया कि शिनजियांग के अधिकारियों ने हाल ही में दर्जनों इस्लामिक नामों को प्रतिबंधित कर दिया है.
ये नाम पूरी विश्व में मुस्लिम आमतौर पर अपने बच्चों का रखते हैं. प्रतिबंधित नाम वाले बच्चों का 'हुकोऊ' नामक पंजीकरण नहीं होगा. यह स्कूल में दाखिले और दूसरी सेवाओं को पाने हेतु आवश्यक होता है.
बैन नामों की सूची से अगर किसी बच्चे का नाम रखा जाता है तो उसे राज्य द्वारा मिलने वाली सुविधाओं से दूर रखा जाएगा.
चीन ने दाढ़ी और नकाब पर भी रोक लगा चुका है हाल ही में प्रांत के मुस्लिम उइगरों के असामान्य दाढ़ी रखने और सार्वजनिक स्थानों पर नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने समेत कई नए नियम बनाए थे.
यहां करीब एक करोड़ मुस्लिम उइगर रहते हैं. बीते कुछ वर्षो में यहां सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं. इस अशांति के लिए बीजिंग इस्लामिक आतंकियों और अलगाववादियों को जिम्मेदार ठहराता है.
एचआरडब्ल्यू ने बताया कि धार्मिक कट्टरता को रोकने के नाम पर धार्मिक आजादी पर लगाम लगाने के नियमों की कड़ी में यह ताजा फैसला है. शिनझियांग में उइघर समुदाय तथा बहुसंख्यक हान के बीच अक्सर टकराव होते रहते हैं.
इन नामों पर रोक लगी: इस्लाम, कुरान, मक्का, जिहाद, इमाम, सद्दाम, हज और मदीना जैसे दर्जनों नाम.
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