15 जनवरी 2014 को चीन के दवा नियामक चीन खाद्य एवं औषधि प्रशासन (सीएफडीए) ने पोलियो के इलाज के लिए S-IPV नाम की नई वैक्सीन को मंजूर कर लिया.
चीन में यह वैक्सीन आई बी वी नाम से जानी जाती है. इसका निर्माण दक्षिणपश्चिम चीन के युन्नान प्रांत के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल बायोलॉजी ऑफ द चाइनीज एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेस, कुनमिंग ने किया है.
यह वैक्सीन चीन के बच्चों को बीमारी के रोकथाम के लिए नियमित रूप से दी जाने वाली वैक्सीन के तौर पर दी जाएगी और यह पोलियो वायरस से लड़ने में मदद करेगी. विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इस वैक्सीन के इस्तेमाल को अपने वैश्विक पोलियो उपचार कार्यक्रम में शामिल करने पर विचार कर रहा है.
पृष्ठभूमि
पोलियो वायरस द्वारा होने वाली पोलियो की बीमारी बहुत घातक है जो तंत्रिका तंत्र पर हमला करती है और इसकी वजह से पक्षाघात या मौत तक हो सकती है.
तकनीकी रूप से चीन साल 2000 में पोलियो मुक्त हो चुका था लेकिन उसके बाद से देश में यह रोग काफी फैला. ऐसे में S-IPV वैक्सीन चीन को पोलियो–मुक्त बनाए रखने में मदद करेगा.
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