चीन ने इस साल भारत में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन का समर्थन किया है और कहा है कि वह उभरती अर्थव्यवस्था वाले पांच देशों के समूह को मजबूत करने के लिए नई दिल्ली के साथ मिलकर काम करेगा.
भारत ने 2021 के लिए ब्रिक्स के अध्यक्ष का पद ग्रहण किया है और यह इस साल के सम्मेलन का आयोजन करने के लिए तैयार है. भारत इस साल ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका के संगठन BRICS की अध्यक्षता करेगा.
ब्रिक्स वार्षिक सम्मेलन की मेजबानी
भारत की तैयारी ब्रिक्स वार्षिक सम्मेलन की मेजबानी करने की है. विदेशमंत्री एस जयशंकर ने 19 फरवरी को नई दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन स्थित ब्रिक्स सचिवालय में भारत का ब्रिक्स-2021 वेबसाइट की शरुआत की थी.
शिखर सम्मेलन आयोजित कराने का समर्थन
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि बीजिंग, नई दिल्ली की मेजबानी में शिखर सम्मेलन आयोजित कराने का समर्थन करेगा. वांग वेनबिन ने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं एवं विकासशील देशों के वैश्विक प्रभाव के साथ ब्रिक्स सहयोग की प्रणाली है.
अंतरराष्ट्रीय मामलों में ब्रिक्स अब सकारात्मक
हाल के वर्षों में वृहद एकजुटता और व्यवहारिक सहयोग का वृहत्तर प्रभाव देखने को मिला है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मामलों में ब्रिक्स अब सकारात्मक, स्थिर एवं सृजनात्मक शक्ति है. उन्होंने कहा कि हम इस साल ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी के लिए भारत का समर्थन करेंगे.
रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध
ब्रिक्स अब अंतरराष्ट्रीय मामलों में एक सकारात्मक, स्थिर और रचनात्मक ताकत है. चीन इस संगठन को बहुत महत्व देता है. वांग वेनबिन ने कहा कि हम संगठन के भीतर आपसी एकजुटता और सहयोग बढ़ाने के लिए रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. हम भारत और अन्य देशों के साथ संवाद और सहयोग बढ़ाने का समर्थन करते हैं.
भारत और चीन के बीच सैन्य तनाव
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में मई 2020 से भारत और चीन के बीच सैन्य तनाव बना हुआ था, हालांकि दोनों देशों ने अब सैन्य गतिरोध को खत्म करने और बातचीत को आगे बढ़ाने पर जोर दिया है. पूर्वी लद्दाख में कुछ जगहों से चीनी सैनिक वापस लौट गए हैं. लेकिन, अब भी भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच अन्य जगहों पर बरकरार सैन्य गतिरोध को सुलझाने के लिए बातचीत चल रही है.
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