डॉ. रेड्डी की भारत की प्रयोगशालाओं ने 27 अप्रैल, 2021 को घोषणा की कि यह रूस के COVID-19 वैक्सीन स्पुतनिक वी के पहले स्टॉक को रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष से मई 2021 के अंत तक लेने की उम्मीद करता है.
डॉ. रेड्डी की प्रयोगशालाओं को पहले रूस के COVID-19 वैक्सीन स्पुतनिक वी की आपात स्थिति के लिए भारतीय दवा नियामक से मंजूरी मिली थी. इस वैक्सीन को गामाले नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी, रूस द्वारा विकसित किया गया है.
डॉ. रेड्डीज और रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष ने सितंबर 2020 में स्पुतनिक वी वैक्सीन के नैदानिक परीक्षणों और भारत में पहली 100 मिलियन खुराक के वितरण के अधिकारों का संचालन करने के लिए साझेदारी की थी. बाद में, वितरण को 125 मिलियन खुराक तक बढ़ाया गया था.
Q1 द्वारा आयातित स्पुतनिक वी के पहले बैच
डॉ. रेड्डी के प्रयोगशाला के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी ने स्पुतनिक वी के पहले बैचों को लक्षित किया है जिन्हें Q1 द्वारा आयात किया जा सकता है और मई अंत तक खुराक लेने की पूरी कोशिश कर रहा है.
रूस के स्पुतनिक वी वैक्सीन को आरडीआईएफ से जमे हुए हालत में आयात किया जाएगा. सिस्टम को -18 से -22 डिग्री सेल्सियस तापमान बनाए रखना चाहिए.
RDIF को वैक्सीन उत्पादन के लिए अधिक भारतीय फर्मों की है तलाश
RDIF गैस के CEO किरिल दिमित्र ने यह कहा है कि, उन्हें उम्मीद है कि वर्ष, 2021 की गर्मियों तक रूस की कोविड -19 वैक्सीन की 50 मिलियन से अधिक खुराकें भारत में निर्मित की जायेंगी.
उन्होंने आगे कहा कि आरडीआईएफ ने वैक्सीन के लिए भारत में 5 अन्य दवा कंपनियों के साथ गठजोड़ किया है और संभावित उत्पादन संधि के लिए कुछ और कंपनियों की भी तलाश कर रहा है.
भारत में स्पुतनिक V वैक्सीन
एक बार उपलब्ध होने के बाद, स्पुतनिक V कोरोना वायरस के खिलाफ भारत में इस्तेमाल होने वाला तीसरा COVID-19 वैक्सीन बन जाएगा.
जनवरी, 2021 में DCGI ने दो कोरोना वायरस वैक्सीन - ऑक्सफ़ोर्ड और एस्ट्रा ज़ेनेका द्वारा निर्मित कोविशील्ड और SII, पुणे और भारत बायोटेक के कोवाक्सिन को आपातकालीन उपयोग प्राधिकार दिया गया था.
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