केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 22 मई 2020 को रूस रवाना हो गए. तीन दिवसीय दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा होने की संभावना है. रक्षामंत्री मॉस्को में आयोजित विजय दिवस परेड (Victory Day Parade) में शिरकत करेंगे.
इस वर्ष की विजय परेड द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सोवियत संघ के सम्मुख नाजी जर्मनी के आत्मसमर्पण की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर होगी. यह रूसी विजय परेड 24 जून, 2020 को आयोजित की जायेगी. यह परेड रूसी लोगों और रूस के सहयोगियों द्वारा किए गए बलिदानों और वीरता प्रदर्शन का सम्मान करने के लिए आयोजित की जा रही है.
रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने भारतीय रक्षा मंत्री को विजय परेड में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था. परेड मूल रूप से 9 मई को आयोजित होने वाली थी, लेकिन कोविड -19 के प्रकोप के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था.
भारत की त्रि-सेवा सैन्य-टुकड़ी रूसी विजय परेड में भाग लेगी
रूस की अपनी सैन्य-टुकड़ी के साथ पहले बार, भारत ने रूसी विजय दिवस परेड में भाग लेने के लिए 75 सदस्यों वाली अपनी त्रि-सेवा सैन्य-टुकड़ी के साथ अन्य टुकड़ियां भी भेजी हैं. भारतीय सैन्य-दल पहले ही रूस की राजधानी मास्को पहुंच चुका है.
रूस की विजय परेड में भाग लेने वाली भारत की मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व वीर सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट के बड़े रैंक के एक अधिकारी द्वारा किया जाएगा. इस रेजिमेंट ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बड़ी वीरता के साथ लड़ाई लड़ी थी और इस लाइट इन्फैंट्री ने अन्य वीरता पुरस्कारों में चार बैटल ऑनर्स और दो मिलिट्री क्रॉस अर्जित किए थे.
महत्त्व
रूसी विजय दिवस परेड में भारत की भागीदारी द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रूस और अन्य देशों द्वारा दिए गए महान बलिदानों को श्रद्धांजलि होगी. भारतीय सैनिकों ने भी द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लिया था और सर्वोच्च बलिदान दिया था. भारतीय रेजिमेंट चीन सहित कम से कम 11 देशों के सशस्त्र बलों के साथ इस परेड में भाग लेगी.
रूस की इस ऐतिहासिक परेड के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री की यह यात्रा भारत और रूस के बीच लंबे समय से चली आ रही विशेष रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगी. रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव ने ट्वीट कर भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सुरक्षित यात्रा की कामना की.
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