भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 27 नवंबर, 2020 को, दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक दोस्ती और साझेदारी के तरीकों के बारे में महत्त्वपूर्ण चर्चा करने के लिए अपने वियतनामी समकक्ष जनरल न्गो जुआन लिच के साथ द्विपक्षीय आभासी बैठक में भाग लिया.
रक्षा मंत्री ने ट्विटर पर इस बैठक के बारे में जानकारी देते हुए यह कहा कि, भारत और वियतनाम के बीच रक्षा सहयोग में काफी विस्तार हुआ है. उन्होंने इस आभासी द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान अपने वियतनामी समकक्ष के साथ विभिन्न मुद्दों पर उपयोगी बातचीत के बारे में भी अपने इस ट्विट में जानकारी साझा की.
भारत और वियतनाम के बीच हुआ हाइड्रोग्राफी कार्यान्वयन समझौता
इस द्विपक्षीय आभासी बैठक के दौरान, भारत और वियतनाम के रक्षा मंत्री की उपस्थिति में हाइड्रोग्राफी के कार्यान्वयन समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए.
रक्षा मंत्री के कार्यालय द्वारा ट्विटर पर यह खबर साझा की गई, जबकि इस बात का भी उल्लेख किया गया कि, बीते वर्षों में दोनों राष्ट्रों के बीच सहयोग में काफी विस्तार हुआ है.
भारत और वियतनाम के आपसी संबंध
भले ही भारत और वियतनाम के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध दूसरी शताब्दी से शुरू हुए थे, लेकिन वर्ष, 1992 से ही इन दोनों देशों ने व्यापक आर्थिक संबंध स्थापित किए, जिसमें कृषि, तेल की खोज और विनिर्माण शामिल हैं.
भारत और वियतनाम के बीच संबंधों, विशेष रूप से रक्षा संबंधों को, भारत की ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ (पूर्व की ओर देखो नीति) से काफी लाभ हुआ है.
भारत और वियतनाम के बीच बढ़े हुए द्विपक्षीय सैन्य सहयोग में खुफिया जानकारी साझा करना, सैन्य उपकरणों की बिक्री, विद्रोह के प्रति कारवाई का प्रशिक्षण और संयुक्त नौसेना अभ्यास के साथ-साथ जंगल युद्ध में प्रशिक्षण भी शामिल है. भारतीय सेना ने नियमित रूप से वियतनामी समुद्रों की सद्भावना यात्राओं के लिए अपने युद्धपोतों को तैनात किया है.
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