रक्षा मंत्रालय ने 23 सितंबर 2021 को भारतीय सेना के लिए 118 युद्धक टैंक अर्जुन MK-1A का हैवी व्हीकल फैक्ट्री चेन्नई को इसका ऑर्डर दिया है. यह ऑर्डर 7,523 करोड़ रुपए का है. इससे भारतीय सेना की ताकत में और इजाफा होने जा रहा है.
इससे भारत के मेक इन इंडिया को बढ़ावा देगा और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 फरवरी 2021 को भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को अर्जुन MK-1A सौंपे थे.
Giving a further boost to ‘Make in India’ initiative, Ministry of Defence today placed an order on HVF, Avadi for the supply of 118 Main Battle Tanks Arjun Mk 1A for the Indian Army at a cost of Rs 7,523 crores: A Bharat Bhushan Babu, Principal Spokesperson, Ministry of Defence pic.twitter.com/Wz1rHAoCCi
— ANI (@ANI) September 23, 2021
Mk-1A अर्जुन टैंक: एक नजर में
- Mk-1A अर्जुन टैंक का नया संस्करण है. इसे 72 नई सुविधाओं और अधिक स्वदेशी उपकरणों के साथ बनाया गया है. इसमें फायर पावर, गतिशीलता समेत कई अतिरिक्त फीचर दिए हैं. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 118 अर्जुन टैंक के लिए 23 सितंबर 2021 को हैवी व्हीकल फैक्ट्री चेन्नई को ऑर्डर दिया गया है.
- रक्षा मंत्रालय के अनुसार, टैंक दिन और रात के दौरान सटीक लक्ष्य निर्धारण करने में सक्षम है. साथ ही यह सभी इलाकों में सहज गतिशीलता भी सुनिश्चित करेगा. इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने डिजाइन और विकसित किया है. इसे भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन एमबीटी को अपग्रेड कर बनाया गया है.
- मंत्रालय ने कहा कि MK-1A सटीक और बेहतर मारक क्षमता वाला है. यह सभी इलाकों में गतिशील है. आधुनिक तकनीकियों के चलते यह बहुस्तरीय सुरक्षा से लैस है. यह दिन और रात में आसानी से अपने दुश्मनों को खोजने में सक्षम है.
- यह टैंक विशेष रूप से भारतीय परिस्थितियों के लिए कॉन्फिगर और डिजाइन किया गया है और इसलिए यह प्रभावी तरीके से सीमाओं की रक्षा के लिए तैनाती के लिए उपयुक्त है.
8000 लोगों को रोजगार मिलेगा
मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि हेवी व्हीकल्स फैक्ट्री को दिए गए इस ऑर्डर से एमएसएमई समेत 200 भारतीय विक्रेताओं के लिए रक्षा निर्माण में एक बड़ा अवसर मिलेगा. इससे करीब 8000 लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
इसका परीक्षण कब किया गया था
यह अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन करने वाली एक प्रमुख परियोजना होगी. मंत्रालय के अनुसार, कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (सीवीआरडीई) द्वारा डीआरडीओ की अन्य लैब द्वारा अर्जुन टैंक एमके-1ए को दो साल में डिजाइन और विकसित किया गया है. इसका परीक्षण जून 2012 में किया गया था.
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