राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण के चौथे दौर (एनएफएचएस-4) के आंकड़ों से यह स्पष्ट हुआ है कि दिल्ली और पंजाब देश के सबसे अमीर राज्य हैं, जबकि जैन समुदाय सबसे अधिक समृद्ध समुदाय है.
राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-4) की रिपोर्ट में एक संपत्ति सूचकांक (वेल्थ इंडेक्स) तैयार किया गया है. यह सूचकांक उपभोक्ता उत्पादों के स्वामित्व (जैसे कार, टीवी, बाइक आदि) और पीने के पानी जैसी घरेलू चीजों की उपलब्धता पर दिए गए अंकों के आधार पर तैयार किया गया है. यह सर्वेक्षण वर्ष 2015-16 में छह लाख से अधिक घरों पर किया गया था.
भारत के सबसे अमीर राज्य
• सर्वेक्षण में राज्यों को लेकर नए तथ्य सामने आए हैं. इसके अनुसार, दिल्ली और पंजाब के लोग देश में सबसे ज्यादा धनाड्य हैं.
• इन दोनों राज्यों में रहने वाले 60 प्रतिशत लोगों के पास अपना मकान है.
• इस सूची में बिहार सबसे निचले पायदान पर है. बिहार में रहने वाले आधे से अधिक लोगों के पास अपना घर तक नहीं है.
• सर्वेक्षण के अनुसार देश में गरीबी मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों की समस्या है.
• देश की 29 प्रतिशत ग्रामीण आबादी सबसे निर्धन है जबकि शहरी क्षेत्र में यह आंकड़ा महज 3.3 प्रतिशत है.
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जातिगत आधार पर सर्वेक्षण रिपोर्ट
• सर्वेक्षण के दौरान हासिल जानकारी के अनुसार ऊंची जातियों के लोगों के घरों की संख्या किसी भी अन्य जाति समूह की तुलना में लगभग दोगुनी है.
• निर्धनता के मामले में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लोगों के जीवनयापन में सबसे अधिक परेशानियां दर्ज की गयीं.
• जैन समुदाय देश के सबसे धनवान लोगों में पाए गये. जैन समुदाय के 70 प्रतिशत लोगों के पास अपने मकान हैं.
• संपत्ति के राष्ट्रीय वितरण के आंकड़ों के अनुसार हिंदू और मुस्लिम समुदाय में ज्यादा अंतर नहीं पाया गया.
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