Anti-Dust Campaign: विंटर सीजन को देखते हुए दिल्ली सरकार ने शहर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए निर्माण स्थलों पर एक महीने तक के लिए एंटी-डस्ट अभियान शुरू किया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस अभियान की घोषणा की है. सरकार का लक्ष्य यह है कि सर्दी के इस मौसम में शहर में प्रदुषण का स्तर कम रहे. दिल्ली में 6 नवंबर तक एंटी-डस्ट अभियान चलाया जायेगा.
इस अभियान की शुरुआत करते हुए पर्यावरण मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शीतकालीन कार्य योजना की घोषणा की है. इसके पहले चरण की कार्ययोजना की बैठक दिल्ली सचिवालय में की और योजना की देख-रेख के लिए एक वॉररूम की भी स्थापना की है.
केजरीवाल सरकार सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान पर काम कर रही है जिसके तहत आज 'ग्रीन वार रूम' लॉन्च किया गया।
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) October 3, 2022
आइये प्रदूषण मुक्त दिल्ली का संकल्प लें। #KejriwalKaWinterActionPlan pic.twitter.com/IKl66oXhPd
एंटी-डस्ट अभियान की कार्ययोजना:
- इस एंटी-डस्ट अभियान के तहत, सभी प्रकार के निर्माण स्थलों के लिए सभी 14 एंटी-डस्ट मानदंडों का पालन करना होगा.
- पर्यावरण मंत्री ने एंटी-डस्ट अभियान के तहत, एंटी-डस्ट मानदंडो के अनुपालन और निगरानी के लिए विशेष रूप से 586 टीमों का गठन किया गया है.
- दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत 500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले सभी निर्माण स्थलों को पोर्टल पर पंजीकृत करना अनिवार्य होगा.
अलग-अलग विभागों से है ये टीमें:
इन 586 टीमों में से 33 टीमें डीपीसीसी से, 300 टीमें एमसीडी से, 165 टीमें राजस्व विभाग से, 20 टीमें डीएसआईडीसी से, 33 टीमें डीडीए से, 14 टीमें दिल्ली जल बोर्ड से, 3 टीमें दिल्ली मेट्रो से, 6-6 टीमें सीपीडब्ल्यूडी और पीडब्ल्यूडी, दिल्ली छावनी बोर्ड की चार टीमें और एनएचएआई, एनडीएमसी की एक टीम शामिल है.
एंटी-स्मॉग गन की अनिवार्यता:
सरकार ने पहले 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक के क्षेत्रफल वाले साइट पर एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य था लेकिन अब इसमे परिवर्तन कर दिया गया है. अब प्रत्येक साइट पर एक 5 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के क्षेत्र में एंटी-स्मॉग गन लगाना जरुरी कर दिया गया है. 5 हजार वर्ग मीटर से 10 हजार वर्ग मीटर के क्षेत्र वाले निर्माण स्थल में एक एंटी-स्मॉग गन की अनिवार्यता होगी.
पर्यावरण मंत्री ने आगे कहा कि 10 हजार वर्ग मीटर से 15 हजार वर्ग मीटर के आकार के निर्माण स्थलों में दो एंटी-स्मॉग गन आवशयक होंगे. साथ ही 15 हजार वर्ग मीटर से 20 हजार वर्ग मीटर के आकार वाले स्थलों में तीन एंटी-स्मॉग गन की आवश्यकता होगी. 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले निर्माण स्थलों में चार एंटी स्मॉग गन आवश्यक होगी.
उल्लंघन पर 10 हजार से 5 लाख तक का जुर्माना:
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि यदि नियमों का उल्लंघन हुआ तो जुर्माने के तौर पर 10 हजार से 5 लाख तक का प्राविधान है. साथ ही यदि कोई गंभीर उल्लंघन होता है, तो निर्माण स्थल को बंद किया जा सकता है.
'एंटी डस्ट कैंपेन' के तहत आज खैबर पास पर स्थित पार्श्वनाथ डेवलपर्स लिमिटेड द्वारा निर्माण किए जा रहे आवासीय स्थल का दौरा। निर्माण कार्य में पाई गई भारी अनियमितताएं।
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) October 7, 2022
DPCC को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश। नियमों का अनुपालन होने तक बंद रहेगा निर्माण कार्य। pic.twitter.com/RRz3D47Zxm
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