इंडियन कॉउन्सिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा की गयी ऑप्टिमिस्टिक सेनारिओ स्टडी के अनुसार दिल्ली में सिम्पटोमैटिक कोरोना वायरस के केसेस अगले दो साल में 20,000 तक हो सकते हैं. दूसरा अध्ययन यह भी है कि अगले 6 महीनों में यह केसेस 1.5 मिलियन तक जा सकते हैं.
रिसर्च पेपर में दो तरह के शोध निकल कर आएं हैं- ऑप्टिमिस्टिक और पेसिमिस्टिक, जो कि भारत के 4 बड़े राज्यों- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु में इसके फैलने की स्थिति दिखाता है.
ICMR द्वारा की गयी स्टडी के अनुसार भारत COVID - 19 के तीसरे चरण में पहुँच सकता है जो कि कम्यूनिटी ट्रांसमिशन है. समय पर बीमारी का पता लगाना और मरीज़ों का quarantine होना यह निर्धारित करेगा की स्टेज- 3 कब होगा.
ICMR स्टडी- ऑप्टिमिस्टिक सेनारिओ
ICMR स्टडी द्वारा की गयी ऑप्टिमिस्टिक सेनारिओ में, सिम्पटोमैटिक लोगों का पता लगाने में और उन्हें quarantine में भेजने में कामयाबी हासिल होगी और देश में यह वायरस 62 परसेंट तक कम हो जायेगा.
इस स्थिति में भारत को क्या करना चाहिए- बीमारी का पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग और quarantine में और सुधार लाने की ज़रूरत है. खासकर असिम्पटोमैटिक मरीज़ों की स्क्रीनिंग जो इस महामारी को चरम तक नहीं जाने देगी.
ICMR स्टडी: पेसिमिस्टिक सेनारिओ
ICMR स्टडी में किये गए पेसिमिस्टिक सेनारिओ के अनुसार जहाँ सिम्पटोमैटिक मरीज़ की तरह असिम्पटोमैटिक मरीज़ भी आधे से ज्यादा इस वायरस से इन्फेक्टेड हैं, ऐसी स्थिति में सिर्फ आधे सिम्पटोमैटिक मरीज़ो को quarantine में रखने का प्रभाव सिर्फ 2 प्रतिशत होगा.
चिंताजनक बात- भारत की मौजूदा स्ट्रेटेजी के अनुसार सिर्फ उन सिम्पटोमैटिक मरीज़ो को चेक करना है जिनकी ट्रेवल हिस्ट्री है.
दिल्ली में पेसिमिस्टिक सेनारिओ के अंतर्गत जहां असिम्पटोमैटिक मरीज़ यह बीमारी फैलाएंगे, अगले 6 महीनों में कम से कम 1.5 मिलियन सिम्पटोमैटिक केसेस होने की संभावना है.
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