रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने हेलीकॉप्टर इंजन अनुप्रयोग के लिए अपने स्वदेशी हेलीकाप्टर विकास कार्यक्रम के एक हिस्से के तौर पर एक सिंगल क्रिस्टल ब्लेड टेक्नोलॉजी विकसित की है.
DRDO ने HAL (हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड) को कुल 60 क्रिस्टल ब्लेड भी दिए हैं. इन सिंगल-क्रिस्टल ब्लेड का उपयोग हेलीकॉप्टर इंजन में किया जाता है.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह एक कार्यक्रम का हिस्सा है जोकि रक्षा धातुकर्म अनुसंधान प्रयोगशाला- DMRL द्वारा शुरू किया गया है. यह DRDO की एक प्रीमियम प्रयोगशाला है जो सिंगल-क्रिस्टल हाई-प्रेशर टरबाइन - HPT ब्लेड के 5 सेट (कुल 300) विकसित करेगी. इन्हें निकल-बेस्ड सुपरअलॉय के उपयोग के साथ विकसित किया जाएगा.
DRDO has developed single crystal blades technology and has supplied 60 number of these blades to HAL as part of their indigenous helicopter development program for helicopter engine application. The supply of remaining 4 sets will be completed in due course. #AtmanirbharBharat pic.twitter.com/OnlobxEkve
— DRDO (@DRDO_India) April 26, 2021
रक्षा मंत्रालय ने यह भी बताया कि, शेष 4 सेटों की आपूर्ति नियत समय पर पूरी की जाएगी. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, HAL सहित इस महत्वपूर्ण तकनीक के विकास में शामिल उद्योग को बधाई भी दी.
DMRL द्वारा क्रिस्टल ब्लेड का विकास
क्रिस्टल ब्लेड का विकास DRDL ने अपनी विशेषज्ञता के आधार पर किया था, जिसे तब प्राप्त किया गया था जब कुछ समय पहले ही एयरो-इंजन परियोजना के लिए ऐसी तकनीक विकसित की जा रही थी.
डिफेंस मैटलर्जिकल रिसर्च लेबोरेटरी में इस ब्लेड को तैयार करने के लिए पूर्ण वैक्यूम निवेश कास्टिंग प्रक्रिया स्थापित की गई है.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, मजबूत सिरेमिक मोल्ड बनाने के लिए एक विशेष सिरेमिक संरचना विकसित की जानी थी. यह महत्वपूर्ण था कि इस संरचना को कास्टिंग ऑपरेशन के दौरान तरल CMSX-4 मिश्र धातु के धातु दबाव के खिलाफ 1500 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तापमान सहन करना होता है.
हेलीकॉप्टरों में सिंगल-क्रिस्टल ब्लेड का उपयोग
DRDO के अनुसार, रणनीतिक और रक्षा अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाने वाले हेलीकॉप्टरों को अत्यधिक प्रतिकूल परिस्थितियों में अपने विश्वसनीय संचालन के लिए शक्तिशाली और कॉम्पैक्ट एयरो इंजन की आवश्यकता होती है.
इसे प्राप्त करने के लिए, जटिल ज्यामिति और आकार के साथ सिंगल-क्रिस्टल ब्लेड का उपयोग किया जाता है. वे निकल-बेस्ड सुपरअलॉय से निर्मित होते हैं जो ऑपरेशन के उच्च तापमान को सहने में सक्षम होते हैं.
दुनिया भर में केवल कुछ ही देशों जैसे यूके, फ्रांस, यूएसए, रूस में ऐसे सिंगल क्रिस्टल (SX) पुरजों को डिजाइन और निर्माण करने की क्षमता है.
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