रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के चांदीपुर तट पर से स्वदेशी रूप से विकसित उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यभेदी ‘अभ्यास’ का 23 दिसंबर 2021 को सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया. डीआरडीओ के बयान में कहा गया है कि उड़ान परीक्षण के दौरान, उच्च स्थिरता के साथ बहुत कम ऊंचाई पर उच्च सबसोनिक गति प्रक्षेपक का प्रदर्शन किया गया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हीट फ्लाइट के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी है. वर्तमान उड़ान परीक्षण विकासात्मक उड़ान परीक्षणों के अंतर्गत किया गया है. पिछले 24 घंटे के अंदर DRDO की ओर से किया गया ये दूसरा सफल अभ्यास है. इससे पहले सतह से सतह पर मार करने वाली अर्ध बैलिस्टिक मिसाइल 'प्रलय' का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था.
DRDO successfully conducted the flight test of indigenously developed High-speed Expendable Aerial Target (HEAT) Abhyas today from Integrated Test Range (ITR), Chandipur off the coast, Odisha. pic.twitter.com/7zAsGnHm4f
— ANI (@ANI) December 23, 2021
इस यान का इस्तेमाल
इस यान का इस्तेमाल अनेक मिसाइल प्रणालियों का मूल्यांकन करने के लिए हवाई लक्ष्य के तौर पर किया जा सकता है. HEAT-अभ्यास का उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन हेतु हवाई लक्ष्य के रूप में किया जाता है.
इस विमान की निगरानी
इस परीक्षण में इस विमान की निगरानी टेलीमेट्री, रडार एवं इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (EOTS) सहित विभिन्न ट्रैकिंग सेंसर की जांच की गई. इस विमान के सारे हिस्सों ने तय मानकों पर सारे लक्ष्य हासिल किए. इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अभ्यास के सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी है. वर्तमान उड़ान परीक्षण विकासात्मक उड़ान परीक्षणों के अंतर्गत किया गया है.
#WATCH | During the flight trial, a high subsonic speed trajectory at a very low altitude with high endurance was demonstrated. Two boosters provided initial acceleration during launch & a small turbojet engine is used to sustain high subsonic speed with long endurance pic.twitter.com/DVFoqug2bG
— ANI (@ANI) December 23, 2021
बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण
डीआरडीओ ने कहा कि पहली बार लगातार दो दिन, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से प्रक्षेपित की गई मिसाइल ने मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया.
डाउन रेंज जहाज शामिल
रक्षा अनुसंधान संगठन ने कहा कि दूसरे परीक्षण की निगरानी सभी रेंज सेंसर और उपकरणों द्वारा की गई, जिसमें टेलीमेट्री, रडार और पूर्वी तट पर तैनात इलेक्ट्रो-ऑप्टिक ट्रैकिंग सिस्टम और प्रभाव बिंदु के पास स्थित डाउन रेंज जहाज शामिल हैं.
‘प्रलय’ मिसाइल की मारक क्षमता
‘प्रलय’ मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर की मारक क्षमता के साथ, ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर और अन्य नई तकनीक से लैस है. मिसाइल निर्देशक प्रणाली में अत्याधुनिक नौवहन एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे हुए हैं.
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