रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा 09 सितंबर 2017 को भारत की तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) नाग का राजस्थान में सफल परीक्षण किया गया. इस परीक्षण के साथ ही एटीजीएम के निर्माण क्रम में होने वाला ट्रायल पूरा माना गया.
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी जानकारी ने अनुसार राजस्थान में डीआरडीओ ने नाग मिसाइल का दो भिन्न लक्ष्यों पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया. मिसाइल ने दोनों ही लक्ष्यों को सफलतापूर्वक भेद दिया. यह मिसाइल सात किलोमीटर तक के लक्ष्य पर अचूक निशाना लगा सकती है.
नाग मिसाइल
• इस मिसाइल का निर्माण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा, स्वदेश एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) के तहत किया गया है.
• यह फायर एंड फॉरगेट टैंक रोधी मिसाइल है.
• हेलिना, नाग मिसाइल का हेलिकॉप्टर संस्करण है.
• इसकी क्षमता 500 मीटर से 4 किलोमीटर (सतह पर), 7 से 10 किलोमीटर (आकाश में).
• नाग मिसाइल के विकास की लागत लगभत 300 करोड़ रुपये है. यह परियोजना वर्ष 1980 में आरंभ की गई.
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