केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का 18 मई 2017 को निधन हो गया. उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ है. वे 60 वर्ष के थे.
नर्मदा नदी को बचाने के लिए अनिल माधव ने बहुत काम किया है. वे पर्यावरण के संरक्षण के प्रति बहुत ही भावुक थे.
पर्यावरण में उनके योगदान को देखते हुए नरेंद्र मोदी ने उन्हें पर्यावरण राज्य मंत्री बनाया था. उन्हें लोग जुझारू लोक सेवक के तौर पर याद रखेंगे.
अनिल माधव दवे के बारे में:
• अनिल माधव दवे का जन्म 6 जुलाई 1956 को उज्जैन, मध्य प्रदेश में हुआ था.
• उन्होंने पर्यावरण को बचाने के लिए कई किताबें भी लिखी हैं.
• उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले शिवाजी पर किताब लिखी थी.
• वे आरएसएस के प्रचारक भी रहे.
• अनिल माधव दवे 5 जुलाई 2016 में केंद्रीय मंत्री बने थे.
• अनिल दवे को एक प्रखर प्रवक्ता के तौर पर भी जाना जाता था.
• वे राज्यसभा में वर्ष 2009 से मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.
• वे जल संसाधन समिति और सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सलाहकार समिति में भी थे.
• वे ग्लोबल वार्मिंग पर संसदीय समिति के भी सदस्य रह चुके हैं.
• वर्ष 2003 में दिग्विजय सिंह के 10 साल के शासनकाल को ध्वस्त करने के लिए बनी कोर टीम में अनिल माधव दवे का अहम स्थान था.
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