कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पीएफ बकाये के संग्रह तथा भविष्य निधि की निकासी के भुगतान आदि के लिए चार प्राइवेट बैंकों सहित पांच बैंकों के साथ समझौता किया. इसमें पेंशन और बीमा सम्बंधित मसलों को भी शामिल किया गया है.
इस सूची में बैंक ऑफ बड़ौदा, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक तथा कोटक महिंद्रा बैंक शामिल हैं. इस योजना के तहत ईपीएफओ को सालाना करीब 125 करोड़ रुपये की बचत करने में सहायता मिलेगी. इसके अतिरिक्त निवेश में तेजी के साथ अंशधारकों को भुगतान लाभ मिलेगा.
इस सुविधा से नियोक्ता का इन बैंकों के खाते में बकाया पीएफ, इंटरनेट बैंकिंग के द्वारा ईपीएफओ के खाते में जमा कर सकते हैं. इस प्रकार की व्यवस्था नहीं होने से ईपीएफओ को बकाये का संग्रह करना होता था तथा भुगतान एग्रीगेटर के जरिये करना पड़ता था. इससे प्रत्येक लेन-देन पर करीब 12 रुपये की लागत आती है.
श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि ईपीएफओ लेन-देन शुल्क में कटौती के लिये प्रशासनिक शुल्क में कमी लाने पर विचार कर सकता है. एसबीआई वर्ष 1952 से ईपीएफओ का एकमात्र बैंकर रहा है. ईपीएफओ 1952 में अस्तित्व में आया उस समय से एसबीआई इसका एकमात्र बैंकर रहा है.
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