वित्त मंत्रालय ने 'हाई रिस्क' वाली फाइनैंस कंपनियों की सूची जारी की

Feb 27, 2018, 11:23 IST

8 नवंबर 2016 को हुई नोटबंदी के बाद कई नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों पर आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की खास नजर थी, क्योंकि इन कंपनियों पर काला धन रखने वालों की मदद करते हुए उनके पुराने नोट बदलवाने का संदेह था.

Finance ministry puts out list of 9500 high risk finance companies
Finance ministry puts out list of 9500 high risk finance companies

वित्त मंत्रालय के अधीन काम करनेवाली संस्था फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू) ने करीब 9,500 नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) की एक सूची जारी की है जिन्हें 'हाई रिस्क फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस' बताया गया है. इस सूची में इन एनबीएफसी के नाम शामिल हैं जिन्हें 'हाई रिस्क' कैटिगरी में रखा गया है.

मुख्य तथ्य:

•    एफआईयू ने अपनी जांच में पाया है कि इन कंपनियों ने 31 जनवरी तक मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के नियमों का पालन नहीं किया था.

•    8 नवंबर 2016 को हुई नोटबंदी के बाद कई नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों पर आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की खास नजर थी, क्योंकि इन कंपनियों पर काला धन रखने वालों की मदद करते हुए उनके पुराने नोट बदलवाने का संदेह था.

•    उस समय भी कई एनबीएफसी और सहकारी बैंकों को पुराने नोटों को अवैध तरीके से नए नोटों में बदलवाने में शामिल पाया गया था.

CA eBook


•    इन कंपनियों और सहकारी बैंकों ने काले धन को बैक डेट की एफडी दिखाकर चेक जारी कर दिए, जबकि रिजर्व बैंक ने इन्हें ऐसे डिपॉजिट्स लेने से साफ मना किया था.

•    प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत सभी एनबीएफसी के लिए फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन में एक प्रमुख अधिकारी की नियुक्ति जरूरी है और 10 लाख रुपये या इससे अधिक के सभी संदिग्ध लेन-देन की जानकारी एफआईयू को देना अनिवार्य है.

वीडियो: इस सप्ताह के करेंट अफेयर्स घटनाक्रम जानने के लिए देखें

 


•    पीएमएलए के सेक्शन 12 के तहत हरेक रिपोर्टिंग एंटिटि के लिए सभी लेनदेन के रिकॉर्ड्स रखने और निर्देशों के मुताबिक अपने ग्राहकों एवं लाभ पाने वालों की पहचान की पुष्टि एफआईयू से करना जरूरी है. ऐक्ट में इन एंटिटिज को लेनदेन के और क्लायंट्स की पहचान के रिकॉर्ड्स पांच साल तक रखने को कहा गया है.

नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी):

नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी उस कंपनी को कहते हैं जो कंपनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत पंजीकृत हो. इसका मुख्य कारोबार उधार देना, विभिन्न प्रकार के शेयरों, स्टॉक, बांड्स, डिबेंचरों, प्रतिभूतियों, पट्टा कारोबार, किराया-खरीद(हायर-पर्चेज), बीमा कारोबार, चिट संबंधी कारोबार में निवेश करना हैं.  किसी नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी में ऐसी कोई संस्था शामिल नहीं है जिसका मुख्य कारोबार कृषि, औद्योगिक, व्यापार संबंधी गतिविधियां हैं अथवा अचल संपत्ति का विक्रय, क्रय या निर्माण करना है.

Jagran Josh
Jagran Josh

Education Desk

    Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

    ... Read More

    यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

    एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

    AndroidIOS

    Trending

    Latest Education News