भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए 23 फरवरी 2018 को लोकपाल योजना पेश की है.
यह व्यवस्था एनबीएफसी की सेवाओं में कमी से जुड़ी शिकायतों के तेज और शुल्क मुक्त निवारण की सुविधा पूरी तरह उपलब्ध कराएगी.
आरबीआई अधिसूचना:
• एनबीएफसी लोकपाल के कार्यालय दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और मुंबई महानगरों में कार्य करेंगे.
• यह कार्यालय संबंधित परिक्षेत्रों के ग्राहकों की शिकायतों पर पूरी तरह विचार करेंगे.
• इस योजना में सभी जमा-लेने वाली एनबीएफसी को कवर किया जाएगा.
• आरबीआई ने ग्राहक अंतरफलक के साथ 100 करोड़ रुपये या उससे अधिक संपत्ति वाले एनबीएफसी को कवर करने के लिए योजना का विस्तार किया.
• यह योजना अपीलीय तंत्र के लिए प्रदान करती है जिसके तहत शिकायतकर्ता या एनबीएफसी को अपीलीट प्राधिकरण से पहले लोकपाल के निर्णय के खिलाफ अपील करने का विकल्प होता है.
• यह व्यवस्था एनबीएफसी की सेवाओं में कमी से जुड़ी शिकायतों के तेज और शुल्क मुक्त निवारण की सुविधा पूरी तरह उपलब्ध कराएगी.
बैंकिंग लोकपाल योजना:
• बैंकिंग लोकपाल योजना भारतीय बैंकों के ग्राहकों की शिकायतों एवं समस्याओं को सुलझाने के लिये आरम्भ की गयी एक योजना है.
• इसके अन्तर्गत एक 'बैंकिंग लोकपाल' की नियुक्ति की जाती है जो एक अर्ध-न्यायिक प्राधिकारी है.
• बैंकिंग लोकपाल योजना वर्ष 1995 में लागू की गई थी, लेकिन वर्ष 2002 एवं वर्ष 2006 में इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए संशोधन किए गए, ताकि बैंकों द्वारा स्वच्छ, पारदर्शी, भेदभाव रहित और जिम्मेदारी पूर्वक बैंकिंग सेवाएं प्रदान की जा सकें.
• यह एक स्वशासी स्वतंत्र संस्था है जो बैंकों द्वारा प्रदान की गई सेवाओं की निगरानी रखती है.
• ग्राहक किसी भी बैंक के अधिकारी व कर्मचारी की शिकायत और समय से सेवाएं न मिलने पर बैंकिंग लोकपाल को शिकायत डाक, ई मेल, आन लाइन दर्ज करा सकता है.
• निशुल्क की जाने वाली इस शिकायत का निस्तारण तीस दिन के अंदर किया जाता है. ग्राहकों की सुविधा और बैंकों में पारदर्शिता लाने के लिए यह योजना संचालित है.
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गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी):
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी उस कंपनी को कहते हैं जो कंपनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत पंजीकृत हो. इसका मुख्य कारोबार उधार देना, विभिन्न प्रकार के शेयरों, स्टॉक, बांड्स, डिबेंचरों, प्रतिभूतियों, पट्टा कारोबार, किराया-खरीद(हायर-पर्चेज), बीमा कारोबार, चिट संबंधी कारोबार में निवेश करना हैं. किसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी में ऐसी कोई संस्था शामिल नहीं है जिसका मुख्य कारोबार कृषि, औद्योगिक, व्यापार संबंधी गतिविधियां हैं अथवा अचल संपत्ति का विक्रय, क्रय या निर्माण करना है.
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