भारत 11 मार्च 2018 को पहले अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. यह शिखर सम्मेलन दिल्ली में आयोजित किया जाएगा.
शिखर सम्मेलन में भाग:
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रॉन और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस पहले अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.
अफ्रीकी देशों के प्रमुख, बांग्लादेश और श्रीलंका के राष्ट्रपतियों, दक्षिण अमरीकी सह अन्तःकरण और प्रशांत द्वीप समूह के नेताओं की शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है.
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अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के बारे में:
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सौर ऊर्जा पर आधारित 121 देशों का एक सहयोग संगठन है जिसका शुभारंभ भारत और फ्राँस द्वारा 30 नवंबर 2015 को पेरिस में किया गया. इस संगठन में ये सभी देश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे. इस प्रयास को वैश्विक स्तर पर ऊर्जा परिदृश्य में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है.
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का प्रमुख उद्देश्य:
• इस संगठन का उद्देश्य सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करना है.
• आईएसए का उद्देश्य सूर्य की बहुतायत ऊर्जा को एकत्रित करने के साथ देशों को एक साथ लाना है.
• यह सौर ऊर्जा के विकास और उपयोग में तेज़ी लाने की एक नई शुरुआत है ताकि वर्तमान और भावी पीढ़ी को ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त हो सके.
पृष्ठभूमि:
यह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई पहल का परिणाम है जिसकी घोषणा उन्होंने सर्वप्रथम लंदन के वेंबली स्टेडियम में अपने उद्बोधन के दौरान की थी. यह संगठन कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित राष्ट्रों को एक मंच पर लाएगा. ऐसे राष्ट्रों में धूप की उपलब्धता बहुलता में है. भारत अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के सदस्य देशों को सौर ऊर्जा से घरेलू प्रकाश, किसानों हेतु सौर पंप और अन्य सौर उपकरणों संबंधी परियोजनाओं के लिए समर्थन भी देगा.
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