केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 16 सितंबर, 2021 को एक कैबिनेट फैसले के बारे में मीडिया को संबोधित किया, जो एक दिन पहले लिया गया था, जब केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड द्वारा जारी की जाने वाली सुरक्षा रसीदों के समर्थन के लिए 30,600 करोड़ रुपये तक की केंद्र सरकार की गारंटी को मंजूरी दी थी.
वित्त मंत्री ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य रूप से एक परिसंपत्ति पुनर्निर्माण और परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी की स्थापना के बारे में बात की.
FM निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रमुख घोषणाएं
केंद्र निम्नलिखित दो कंपनियों की स्थापना करेगा:
- i) एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी: नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड - NAARCL) बैंकों की बैलेंस शीट (जिसके लिए पूर्ण प्रावधान किया गया है) में NPSs को एकत्रित करेगी और पेशेवर तरीके से उनका प्रबंधन और निपटान करेगी, इससे बैंकों की बैलेंस शीट साफ हो जाएगी. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और वित्तीय संस्थान NARCL में 51% तक अपना स्वामित्व रख सकते हैं.
- ii) इंडिया डेब्ट रिजॉल्यूशन कंपनी लिमिटेड: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और वित्तीय संस्थान इंडिया डेब्ट रेजोल्यूशन कंपनी लिमिटेड (भारत ऋण समाधान कंपनी लिमिटेड) में अधिकतम 49 प्रतिशत हिस्सेदारी रखेंगे और शेष निजी क्षेत्र के लिए खुले रहेंगे.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि, कुछ मूल्यांकन के आधार पर NPAs के लिए बैंकों को 15 प्रतिशत नकद भुगतान किया जाएगा, शेष 85 प्रतिशत सुरक्षा रसीद के रूप में दिया जाएगा.
केंद्र की 4R रणनीति - मान्यता, संकल्प, पुनर्पूंजीकरण और सुधार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि, बैंक बैलेंस शीट को साफ करने और पूरी तरह से प्रावधान करने के लिए वर्ष, 2015 में बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता की समीक्षा हुई थी, जिसमें गैर-निष्पादित आस्तियों (NPAs) की उच्च घटना/ व्यापकता का पता चला था. केंद्र ने तब मान्यता, संकल्प, पुनर्पूंजीकरण और सुधारों की 4R रणनीति की पेशकश की थी.
संकल्प
- बैंकों ने पिछले 06 वर्षों में कुल 5,01,479 करोड़ रुपये की वसूली की है, जिसमें से मार्च, 2018 से 3.1 लाख करोड़ रुपये की वसूली की गई है. वित्त मंत्री ने ययह घोषणा की कि, अकेले 2018-19 में, रिकॉर्ड 1.2 लाख करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है.
पिछले 06 वर्षों के दौरान बैंकों द्वारा वसूले गए कुल 5,01,479 करोड़ रुपये में से 99,996 करोड़ रुपये के तौर पर बट्टे खाते में डाली गई संपत्ति से वसूल की गई राशि भी शामिल है.
पुनर्पूंजीकरण (फिर से पूंजीकरण)
- केंद्र सरकार ने वर्ष, 2017-18 में 90,000 करोड़ रुपये और 2018-19 में 1.06 लाख करोड़ और वर्ष, 2019-20 में 70,000 करोड़ और वर्ष, 2020-21 में 20,000 करोड़ रुपये और चालू वित्तीय वर्ष 21-22 के लिए 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
- वर्ष, 2018 में सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंकों में से केवल दो ही लाभ में थे. लेकिन वर्ष, 2021 में सिर्फ दो बैंकों को घाटा हुआ.
बैंकिंग सुधार
- प्रबंधकीय सुधार
- बैंक विलय
- सहकारी बैंकों को RBI के दायरे में लाना
- प्राथमिक सहकारी बैंकों के लिए बहु-पर्यवेक्षी ढांचा
- बैंक बोर्ड ब्यूरो बनाना
- जोखिम प्रबंधन कार्य प्रणाली को मजबूत करना
- विलफुल डिफॉल्टरों को पूंजी बाजार में प्रवेश करने से रोका गया
- तेजी से रिकवरी के लिए छह नए DRTs स्थापित किए गए हैं
- 57 महीने के औसत अंतराल के साथ 100 करोड़ या उससे अधिक बड़ी राशि की धोखाधड़ी का पता चला
- धोखाधड़ी का पता लगाने और रोकथाम के प्रयास शुरू किये गये
- भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के भी कई सार्थक परिणाम सामने आए हैं
वित्त मंत्री ने यह बताया कि, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा ऋण और इक्विटी के रूप में 58,697 करोड़ रुपये कुल मिलाकर जुटाए गए हैं.
पृष्ठभूमि
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने केंद्रीय बजट 2021-22 के भाषण के दौरान एक बैड बैंक स्थापित करने के प्रस्ताव की घोषणा की थी.
यह बैड बैंक क्या है?
यह बैड बैंक एक विशेष बैंक है, एक ऐसा परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कार्यक्रम है, जो अन्य बैंकों के तनावग्रस्त या खराब ऋणों को वसूलने के लिए स्थापित किया गया है. यह बैड बैंक अन्य बैंकों को उनके मुख्य कार्यों (दक्षताओं) पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाएगा.
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