पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 31 अगस्त 2020 को निधन हो गया है. वे लम्बे समय से बीमार थे और कोमा में थे. प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. दिल्ली कैंट स्थित आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा था.
With a Heavy Heart , this is to inform you that my father Shri #PranabMukherjee has just passed away inspite of the best efforts of Doctors of RR Hospital & prayers ,duas & prarthanas from people throughout India !
— Abhijit Mukherjee (@ABHIJIT_LS) August 31, 2020
I thank all of You 🙏
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारतीय राजनीति का एक अध्याय समाप्त हो गया. उन्होंने हमेशा देश को दलगत राजनीति से ऊपर रखा. मैं मध्यप्रदेश की जनता की ओर से उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
भारत के चहेते राष्ट्रपतियों में शुमार 84 साल के प्रणब मुखर्जी दिल्ली में आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल में भर्ती थे. उनकी ब्रेन सर्जरी हुई थी, जिसके बाद उनकी हालत नाजुक होने के चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. उनके ब्रेन में एक थक्का (Clot) बन गया था, जिसको निकालने के लिए ऑपरेशन किया गया था.
7 दिन के राजकीय शोक
दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मान में 31 अगस्त से 6 सितंबर तक 7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है. इस दौरान, राष्ट्रीय ध्वज सभी इमारतों पर आधा झुका रहेगा और कोई सरकारी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुखर्जी ने निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आज पूरा देश दुखी है. उन्होंने ट्वीट किया, 'भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूरा देश शोक में है. उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है. वह राजनीतिक स्पेक्ट्रम के पार और समाज के सभी वर्गों द्वारा प्रशंसित थे.
India grieves the passing away of Bharat Ratna Shri Pranab Mukherjee. He has left an indelible mark on the development trajectory of our nation. A scholar par excellence, a towering statesman, he was admired across the political spectrum and by all sections of society. pic.twitter.com/gz6rwQbxi6
— Narendra Modi (@narendramodi) August 31, 2020
2012 में बने थे राष्ट्रपति
- साल 2012 में प्रणब मुखर्जी देश के राष्ट्रपति बने थे. वे भारत के 13वें राष्ट्रपति थे. साल 2019 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के जाने पर पूरे देश में शोक की लहर है. नेताओं से लेकर आम जनता उन्हें श्रद्धांजलि दे रही है. राष्ट्रपति को महामहिम कहे जाने की रीति से ऐतराज करने वाले प्रणब मुखर्जी साल 2012 से साल 2017 तक भारत के राष्ट्रपति थे. उनका राजनीतिक जीवन 40 सालों से भी ज्यादा लंबा रहा है.
- कांग्रेस पार्टी में रहते हुए उन्होंने विदेश से लेकर रक्षा, वित्त और वाणिज्य मंत्री तक की भूमिका निभाई. प्रणब मुखर्जी ने 1969 में कांग्रेस के जरिए सियासत की दुनिया में कदम रखा. वे उसी साल राज्यसभा के लिए चुने गए. उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भरोसेमंद सहयोगियों में गिना जाता था. इसके अतिरिक्त वे साल 1975, साल 1981, साल 1993 और साल 1999 में राज्य सभा के लिए चुने गए.
- वे इसके अलावा साल 2004 और साल 2009 में पश्चिम बंगाल की जंगीपुर सीट से 2 बार लोकसभा के लिए भी चुने गए. वे 23 सालों तक कांग्रेस वर्किंग कमिटी के सदस्य भी रहे. वे मनमोहन सरकार में साल 2004 से साल 2006 तक रक्षा मंत्री, साल 2006 से साल 2009 तक वह विदेश मंत्री और 2009 से 2012 तक वित्त मंत्री रहे. प्रणब मुखर्जी की गिनती गांधी परिवार के करीबियों और भरोसेमंद नेताओं में होती थी.
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