हाल ही में ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट-2018 जारी की गई है. रिपोर्ट के अनुसार भारत में अब भी काफी भुखमरी मौजूद है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2018 में कुल 119 देशों को शामिल किया गया जिसमें भारत 103वें पायदान पर है.
भारत नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों से पीछे है, लेकिन पाकिस्तान से आगे है. पाकिस्तान इस रिपोर्ट में 106वें स्थान पर मौजूद है जबकि भारत पिछले वर्ष 100वें स्थान पर था. रिपोर्ट के अनुसार विश्व में 68 मिलियन लोग रिफ्यूजी कैंप में रहने को मजबूर हैं.
पिछले वर्षों में ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत |
वर्ष 2014 के बाद से ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में लगातार गिरावट आई है. वर्ष 2014 में भारत जहां 55वें पायदान पर था, तो वहीं 2015 में 80वें, 2016 में 97वें और पिछले साल 100वें पायदान पर आ गया. वर्ष 2018 की रैंकिंग में भारत पिछले वर्ष की तुलना में तीन पायदान और गिरकर 103वें स्थान पर आ गया है. |
ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2018 के प्रमुख तथ्य
• इस रिपोर्ट के अनुसार विश्व में कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी दर्ज की गई है.
• वर्ष 1999-2001 में कुपोषित बच्चों की संख्या 17.6% थी, जबकि वर्ष 2015-17 में यह कम होकर 12.3% पर पहुँच गयी है.
• 1999-2001 में बच्चों की ग्रोथ का आंकड़ा 37.1% था, जबकि 2013-17 में यह कम होकर 27.9% पर पहुँच गया.
• ग्लोबल हंगर इंडेक्स में बेलारूस टॉप पर है जबकि चीन 25वें, बांग्लादेश 86वें, नेपाल को 72वें, श्रीलंका को 67वें और म्यांमार को 68वें स्थान पर है.
• वर्ष 2018 के सूचकांक के अनुसार ज़िम्बाब्वे तथा सोमालिया में कुपोषण दर सबसे अधिक 46.6 से 61.8% है.
• बच्चों की वृद्धि दर सबसे कम तिमोर-लेस्ते,इरीट्रिया तथा बुरुंडी में दर्ज की गई है.
• भूख के कारण चाड, हैती, मेडागास्कर, सिएरा लिओन, यमन तथा ज़ाम्बिया में हिंसक हालात बताए गये हैं.
ग्लोबल हंगर इंडेक्स क्या है? |
ग्लोबल हंगर इंडेक्स में विश्व के विभिन्न देशों में खानपान की स्थिति का विस्तृत ब्योरा दिया जाता है. इसमें यह देखा जाता है कि लोगों को किस तरह का खाद्य पदार्थ मिल रहा है, उसकी गुणवत्ता और मात्रा कितनी है और उसमें कमियां क्या हैं. प्रत्येक वर्ष अक्टूबर में यह रिपोर्ट जारी की जाती है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स की शुरुआत वर्ष 2006 में इंटरनेशनल फ़ूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने की थी, वेल्ट हंगरलाइफ नाम के एक जर्मन संस्था ने 2006 में पहली बार ग्लोबल हंगर इंडेक्स जारी किया था, 2018 में उसकी रिपोर्ट 13वां एडिशन है. |
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