विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी (वाडा) ने हाल ही में अपनी सालाना रिपोर्ट जारी कि है. वाडा ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि साल 2017 में अंतरराष्ट्रीय खेलों में डोपिंग के मामले पिछले साल 2016 की तुलना में 13 फीसदी बढ़ गए.
वाडा ने हाल ही में साल 2020 के ओलंपिक और साल 2022 के विश्व कप सहित सभी वैश्विक खेलों से रूस पर चार साल का प्रतिबंध लगाया है. दरअसल, रूस पर आरोप हैं कि रूस ने डोपिंगरोधी प्रयोगशाला डेटा के साथ छेड़छाड़ की है.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य
• वाडा के मुताबिक, साल 2017 में डोपिंग के 1804 मामले दर्ज किये गए जबकि साल 2016 में इनकी संख्या 1595 थी.
• रिपोर्ट के अनुसार साल 2017 में दर्ज मामले 114 देशों और 93 खिलाड़ियों के थे. इटली के सर्वाधिक 171 खिलाड़ी डोपिंग के दोषी पाये गए जबकि फ्रांस के 128 और अमेरिका के 103 खिलाड़ी दोषी रहे.
• रिपोर्ट के अनुसार ब्राजील के 84 और रूस के 82 खिलाड़ी प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन के दोषी पाये गए.
• वाडा के अनुसार चीन, भारत, बेल्जियम, स्पेन और दक्षिण अफ्रीका में भी डोपिंग के मामले पाये गए.
• वाडा के रिपोर्ट के अनुसार बाडीबिल्डिंग में सबसे ज्यादा 266 और एथलेटिक्स में 242 खिलाड़ी दोषी पाये गए.
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विश्व डोपिंग विरोधी संस्था (वाडा) के बारे में
विश्व डोपिंग विरोधी संस्था (वाडा) अंतरराष्ट्रीय खेलों में ड्रग्स के बढ़ते चलन को रोकने हेतु बनाई गयी एक विश्वस्तरीय स्वतंत्र संस्था है. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा वाडा की स्थापना 10 नवंबर 1999 को स्विट्जरलैंड के लुसेन शहर में की गई थी. वर्तमान में वाडा का मुख्यालय कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर में है.
यह संस्था विश्वभर में वैज्ञानिक शोध, एंटीडोपिंग के विकास की क्षमता में वृद्धि तथा दुनिया भर में विश्व एंटी डोपिंग कोड पर अपनी निगाह रखती है. वाडा प्रत्येक साल प्रतिबंधित दवाओं की सूची जारी करता है. प्रतिबंधित दवा विश्व के सभी देशों में खेलों के दौरान प्रयोग पर रोक होती है. विश्व डोपिंग विरोधी कोड का अनुपालन पहली बार साल 2004 के एथेंस ओलंपिक में किया गया था.
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