केंद्र सरकार ने 24 जनवरी 2018 को अक्टूबर, 2017 में घोषित सरकारी क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के पुनर्पूंजीकरण के ब्यौरे को स्पष्ट किया है. वर्ष 2017-18 के पूंजी निवेश योजना में पुनर्पूंजीकरण बॉण्ड के जरिए 80,000 करोड़ रुपए तथा बजटीय सहायता के रूप में 8,139 करोड रुपए शामिल है.
इस योजना से सभी सरकारी बैंकों की विनियामकीय पूंजी आवश्यकता पूरी होगी और अर्थव्यवस्था को अधिकाधिक उधार देने हेतु पूंजी वृद्धि के प्रति पर्याप्त धनराशि उपलब्ध होगी.
बैंकों के पुनर्पूंजीकरण तथा व्यापक सुधार योजना के ब्यौरे के संबंध में:
- पुनर्पूंजीकरण सुदृढ़ सुधार पैकेज जिसमें छ: मूल विषय शामिल हैं, जिनमें 30 कार्य बिन्दुओं में अंकलित किया गया है. सुधार एजेंडा ईएएसई (ईएएसई) ग्राहक के प्रति उत्तरदायित्व के छ: मूल विषय उत्तरदायी बैंकिंग, ऋण बढ़ोत्तरी, उद्यमी मित्र के रूप में पीएसबी, वित्तीय समावेशन, डिजिटलाइजेशन तथा ब्रांड पीएसबी के लिए कार्मिकों के तैयार करने पर लक्षित है.
- सरकार द्वारा पूंजी का निवेश सुधार के संबंध में पीएसबी के कार्यनिष्पादन के अनुरूप होगा. पीएसबी के पूर्णकालिक निदेशकों को कार्यान्वयन हेतु उद्देश्य-वार सुधार सौंपे जाएंगे. इस संबंध में उनके कार्यनिष्पादन का मूल्यांकन बैंक बोर्ड द्वारा किया जाएगा.
- पहुँच तथा सेवा गुणवत्ता के संबंध में लोगों के विचार का आकलन करने हेतु ईएएसई के संबंध में एक सर्वेक्षण स्वतंत्र एजेंसी के द्वारा किया जाएगा. प्रति वर्ष सर्वेक्षण के परिणाम को सार्वजनिक किया जाएगा.
- आम नागरिक के बैंकिंग सेवाओं में पर्याप्त रूप से वृद्धि करने को सुगम बनाने हेतु पीएसबी के पुनर्पूंजीकरण तथा सुधार एजेंडा पर जोर दिया गया है. हालांकि इसमें प्रत्येक गांव में 5 किलोमीटर के भीतर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता, इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन में किसी भी प्रकार के अप्राधिकृत डेबिट के मामले में 10 दिन के भीतर धनराशि की वापसी, बैंकिंग आऊटलेट पता करने के लिए एक मोबाइल ऐप और प्रत्येक अल्पसेवित (कम सेवित) जिले में एक मोबाइल एटीएम शामिल है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation