महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने किशोरियों के लिए द्रुत सूचना प्रणाली की शुरूआत की

Jan 25, 2018, 09:47 IST

इस पोर्टल को राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) के सहयोग से विकसित किया गया है. यह एक वेब आधारित ऑनलाइन निगरानी प्रणाली है.

Rapid Reporting System for the Scheme for Adolescent Girls
Rapid Reporting System for the Scheme for Adolescent Girls

महिला एवं बाल विकास सचिव राकेश श्रीवास्तव ने 24 जनवरी 2018 को किशोरियों की योजना के संबंध में एक द्रुत सूचना प्रणाली (आरआरएस) के पहले चरण की शुरुआत की. यह एक वेब आधारित ऑन लाइन निगरानी प्रणाली है, जो किशोरियों के लिए योजना पर निगाह रखेगी.

इस पोर्टल को राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) के सहयोग से विकसित किया गया है. इसका यूआरएल http://sag-rrs.nic.in है.

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सुविधा का उद्देश्य एवं लाभ

•    11 से 14 वर्ष के बीच की जो किशोरियां स्कूल पढ़ने नहीं जाती थीं, उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 16 नवंबर, 2017 को एक योजना तैयार की ताकि इन किशोरियों को स्कूल प्रणाली में शामिल करने के लिए प्रेरित किया जा सके.

•    इस योजना के तहत किशोरियों को साल में 300 दिनों तक 9.50 रुपये रोजाना की दर से पोषण समर्थन प्रदान किये जाने का लक्ष्य है.

•    इस समय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय किशोरियों के लिए इस योजना को देश भर के चुने हुए 508 जिलों में चला रहा है.

•    पोषण समर्थन के अलावा स्वास्थ्य, निजी स्वच्छता इत्यादि के बारे में भी लड़कियों को जागरुक किया जाएगा.

•    योजना का लक्ष्य लड़कियों को औपचारिक या अनौपचारिक शिक्षा की मुख्य धारा में शामिल करना है.

•    आंगनवाड़ी केंद्र के जरिये यह सुविधा प्रदान की जाएगी.

 

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भारत में स्त्री शिक्षा

भारत में वैदिक काल से ही स्त्रियों के लिए शिक्षा का व्यापक प्रचार था. मुगल काल में भी अनेक महिला विदुषियों का उल्लेख मिलता है. पुनर्जागरण के दौर में भारत में स्त्री शिक्षा को नए सिरे से महत्व मिलने लगा. ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा वर्ष 1857 में स्त्री शिक्षा को स्वीकार किया गया था. विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी प्रयासों के कारण साक्षरता के दर 0.2% से बदकर 6% तक पहुँच गई थी. कोलकाता विश्वविद्यालय महिलाओं को शिक्षा के लिए स्वीकार करने वाला पहला विश्वविद्यालय था. भारत की स्वतंत्रता के बाद सन् 1947 में विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग को बनाया गया. आयोग ने सिफारिश की कि महिलाओं की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जाए. इसके उपरांत भारत सरकार ने तुरन्त महिला साक्षारता की लिये साक्षर भारत मिशन की शुरूआत की थी.

 

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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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