केंद्र सरकार ने भारत को शिक्षा के श्रेष्ठ गंतव्य स्थल के तौर पर ब्रांडिंग करने की पहल करते हुए 18 अप्रैल 2018 को ‘स्टडी इन इंडिया’ पहल शुरू की. इस कार्यक्रम के तहत स्टडी इन इंडिया नाम से एक वेब पोर्टल की शुरुआत की गई.
इस पहल में आईआईटी, आईआईएम समेत 160 शैक्षणिक संस्थान एवं विश्वविद्यालय शामिल हुए हैं. कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नालंदा और तक्षशिला के काल से ही भारत दुनिया में शिक्षा का प्रमुख केंद्र रहा है तथा मौजूदा समय में भी भारत में शिक्षा प्रणाली में और अधिक सुधार तथा विस्तार हुआ है.
स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम के मुख्य बिंदु
• इस योजना के माध्यम से विदेशी छात्रों को उच्च शिक्षा में गुणवत्ता व सस्ती शिक्षा देने के लिए भारत द्वारा न्योता दिया जा रहा है.
• अगले पांच साल में विदेशी छात्रों की संख्या दो लाख तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है.
• इस योजना में छात्रों को इंजीनियरिंग, मेडिकल, फार्मेसी, आर्किटेक्चर आदि स्ट्रीम में दाखिले सहित रिसर्च व इनोवेशन का मौका मिलेगा.
• इस योजना में एशियन, आसियान, अफ्रिकन , मिडिल ईस्ट देशों के छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा.
• इस कार्यक्रम में दक्षेस, पश्चिमी एशिया, पूर्वी एशिया और अफ्रीका महाद्वीप के 30 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए जिनपर विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है.
• इन देशों में भारतीय दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों पर एक-एक स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम का प्रतिनिधि भी नियुक्त किया जाएगा.
स्टडी इन इंडिया वेबपोर्टल
स्टडी इन इंडिया नाम से वेबपोर्टल भारत में पढ़ने के इच्छुक विदेशी छात्रों के लिए सिंगल ¨विंडो का काम करेगा. इसके जरिए छात्र भारत के विभिन्न संस्थानों की जानकारी हासिल कर पाएंगे और सीधा आवेदन भी कर सकेंगे. इस पोर्टल की मदद से ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, सर्टिफिकेट कोर्स, पीएचडी आदि के लिये आवेदन किया जा सकता है.
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