25 अप्रैल, 2021 को केंद्र सरकार ने किसी भी प्रकार के गैर-चिकित्सा उद्देश्यों के लिए तरल ऑक्सीजन के उपयोग पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है.
भारत सरकार ने ऑक्सीजन की तीव्र कमी के बीच, निर्माण इकाइयों को अपने उत्पादन को अधिकतम करने और चिकित्सा उपयोग के लिए सरकार को उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला द्वारा भारत के विभिन्न क्षेत्रों में, विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में, चिकित्सा के लली ऑक्सीजन की कमी के कारण यह नवीनतम आदेश जारी किया गया है, क्योंकि देश COVID-19 महामारी की मौजूदा लहर की चपेट में है.
आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सरकार ने किया अपनी शक्ति का उपयोग
आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए, केंद्रीय गृह सचिव ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया है कि, किसी भी प्रकार के गैर-चिकित्सा उद्देश्यों के लिए तरल ऑक्सीजन के उपयोग की अनुमति नहीं है.
ऑक्सीजन आपूर्ति की स्थिति की सावधानीपूर्वक समीक्षा करने के बाद, केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है कि, तरल ऑक्सीजन के उपयोग पर किसी भी प्रकार के उद्योग को कोई छूट नहीं दी जायेगी. केंद्र सरकार ने अपने पहले के आदेश को भी संशोधित किया है जिसमें कुछ चुनिंदा उद्योगों को छूट दी गई थी.
ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की गई
गृह सचिव ने इस नवीनतम आदेश पर टिप्पणी करते हुए यह कहा कि, अब तक किए गए विभिन्न उपाय भारत में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि, यह सुनिश्चित करने के लिए कि, बिना किसी रुकावट के कोविड रोगियों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने के लिए, ऑक्सीजन के औद्योगिक उपयोग को प्रतिबंधित करना जरुरी है. चिकित्सा ऑक्सीजन के उपयोग को प्रतिबंधित करने के लिए, 22 अप्रैल, 2021 को भी इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए गए थे.
ऑक्सीजन आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा करने के बाद, केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है कि, मौजूदा स्टॉक सहित तरल ऑक्सीजन के उपयोग को केवल चिकित्सा उद्देश्यों के लिए ही अनुमति दी जाएगी और इसके साथ-साथ, सभी विनिर्माण इकाइयों को अपने तरल ऑक्सीजन के उत्पादन को अधिकतम करना होगा.
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