केंद्र सरकार ने परंपरागत और आधुनिक सोशल मीडिया में महिलाओं को अभद्र और अशिष्ट रूप में प्रस्तुत करने से रोकने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग के अंतर्गत एक केंद्रीय एजेंसी बनाने का निर्णय किया है.
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 04 जून 2018 को ‘महिला अशिष्ट निरूपण (निषेध) अधिनियम (आईआरडब्ल्यूए) 1986’ में संशोधन करने की संसदीय समिति की सिफारिश मंत्रालय ने स्वीकार कर ली है.
एजेंसी का स्वरुप |
इस अधिनियम में बदलाव एवं एजेंसी के गठन के लिए लंबे समय से मांग की जा रही थी. इसे लेकर वर्ष 2012 में राज्यसभा में एक संशोधित विधेयक पेश किया गया था जिसे बाद में संसदीय स्थायी समिति में भेज दिया गया था. इसमें भारतीय विज्ञापन मानक परिषद, भारतीय प्रेस परिषद, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इसके अलावा महिलाओं के मुद्दों पर कार्यरत किसी प्रसिद्ध व्यक्ति को भी इसका सदस्य बनाया जायेगा. यह केंद्रीय एजेंसी किसी कार्यक्रम, विज्ञापन और प्रकाशन किसी भी महिला की अभद्र प्रस्तुति से संबंधित शिकायतों को सुन सकेगी और जांच कर सकेगी. |
इस अधिनियम में निम्नलिखित संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है:
• विज्ञापन की परिभाषा में संशोधन में डिजिटल स्वरूप या इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप अथवा होर्डिंग या एसएमएस, एमएमएस आदि के जरिए विज्ञापन को शामिल किया जाएगा.
• वितरण की परिभाषा में संशोधन में प्रकाशन, लाइसेंस या कंप्यूटर संसाधन का उपयोग कर अपलोड करने अथवा संचार उपकरण शामिल किए जाएंगे.
• प्रकाशन शब्द को परिभाषित करने के लिए नई परिभाषा को जोड़ना.
• धारा-4 में संशोधन से कोई भी व्यक्ति ऐसी सामग्री प्रकाशित या वितरित करने के लिए तैयार नहीं कर सकता, जिसमें महिलाओं का किसी भी तरीके से अशिष्ट निरूपण किया गया हो.
• सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के अंतर्गत प्रदत्त दंड के समान दंड के प्रावधान.
• राष्ट्रीय महिला आयोग (एनडब्ल्यूसी) के तत्वाधान में केन्द्रीकृत प्राधिकरण का गठन. इस प्राधिकरण की अध्यक्ष एनडब्ल्यूसी की सदस्य सचिव होंगी और इसमें भारतीय विज्ञापन मानक परिषद, भारतीय प्रेस परिषद, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के
प्रतिनिधि होंगे तथा महिला मुद्दों पर कार्य करने का अनुभव रखने वाली एक सदस्यू होगी.
• केन्द्रीयकृत प्राधिकरण को प्रसारित या प्रकाशित किए गए किसी भी कार्यक्रम या विज्ञापन से संबंधित शिकायत प्राप्त करने और महिलाओं के अशिष्ट निरूपण से जुड़े सभी मुद्दों की जांच करने का अधिकार होगा.
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