राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी गई

Mar 29, 2018, 10:19 IST

सरकार ने संसदीय समिति द्वारा संसद में प्रस्तुत रिर्पोट के अनुमोदनों पर और चिकित्सा छात्रों तथा चिकित्सा पेशा से जुड़े लोगों द्वारा दिये गये विचारों/सलाहों पर विचार करके यह अनुमोदन किया है.

Govt approves amendments to National Medical Commission bill
Govt approves amendments to National Medical Commission bill

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) अधिनियम में संशोधन का अनुमोदन किया. सरकार ने संसदीय समिति द्वारा संसद में दिनांक 20 मार्च 2018 को प्रस्तुत रिर्पोट के अनुमोदनों पर और चिकित्सा छात्रों तथा चिकित्सा पेशा से जुड़े लोगों द्वारा दिये गये विचारों/सलाहों पर विचार करके यह अनुमोदन किया है.

संशोधनों का विवरण

•    फाइनल एमबीबीएस परीक्षा पूरे देश में एक साथ आयोजित की जाएगी. इसका स्वरूप एग्जिट टेस्ट के रूप में होगा और इसका नाम राष्ट्रीय एग्जिट टेस्ट (एनईएक्सटी) होगा.
छात्रों की यह मांग रही है कि उन्हें चिकित्सा सेवा प्रारंभ करने के लिए आवश्यक लाइसेंस प्राप्ति हेतु कोई अन्य परीक्षा न देनी पड़े. कैबिनेट ने फाइनल एमबीबीएस परीक्षा को ही पूरे देश में सामान्य परीक्षा का दर्जा देने की मंजूरी दी है और यह एग्जिट टेस्ट के रूप में कार्य करेगा तथा इसे राष्ट्रीय एग्जिट टेस्ट (एनईएक्सटी) कहा जाएगा.

•    आयुष चिकित्सकों द्वारा आधुनिक चिकित्सा का पेशा करने के लिए आवश्यक ब्रिज पाठ्यक्रम के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है.

आयुष पेशेवरों द्वारा आधुनिक चिकित्सा का पेशा करने के लिए आवश्यक ब्रिज पाठ्यक्रम के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है. यह जिम्मेदारी राज्य सरकारों को दी गयी है कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रोत्साहन देने के लिए आवश्यक कदम उठाये.

•    निजी चिकित्सा संस्थानों तथा मानद विश्वविद्यालयों की 50 प्रतिशत सीटों का शुल्क नियमन.
निजी चिकित्सा संस्थानों तथा मानद विश्वविद्यालयों के शुल्क नियमन की अधिकतम सीमा को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त यह भी स्पष्ट किया गया है कि शुल्क में कॉलेजों द्वारा लिये जाने वाले अन्य सभी शुल्क शामिल होंगे.

 


•    एनएमसी में राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के नामित सदस्यों की संख्या 3 से बढ़ाकर 6 की गयी.

एनएमसी में राज्यों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की मांग पर विचार करते हुए एनएमसी में राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के नामित सदस्यों की संख्या 3 से बढ़ाकर 6 कर दी गयी है. एनएमसी में कुल 25 सदस्य होंगे और इनमें से 21 डॉक्टर होंगे.

•    मेडिकल कॉलेजों द्वारा नियम नहीं मानने पर आर्थिक दंड के प्रावधान के स्थान पर विभिन्न दंड विकल्पों का प्रावधान.
विचार विमर्श करने के दौरान हितधारकों ने आर्थिक दंड पर चिंता व्यक्त की. कॉलेजों द्वारा नियम नहीं मानने पर किसी बैच से प्राप्त किये गये कुल शुल्क के आधे से 10 गुने तक आर्थिक दंड का प्रावधान है. इस उपनियम के स्थान पर एक अन्य प्रावधान जोड़ा गया है. नये प्रावधान में चेतावनी के विभिन्न विकल्प, सामान्य आर्थिक दंड,  नामांकन पर रोक तथा मान्यता समाप्त करना शामिल है.

•    अयोग्य व नीम हकीम चिकित्सकों के लिए कड़े दंड का प्रावधान.

अयोग्य व नीम हकीम चिकित्सकों को लिए सख्त दंड का प्रावधान किया गया है. अनधिकृत चिकित्सा सेवा देने पर एक साल के कारावास तथा 5 लाख रुपये तक के दंड का प्रावधान किया गया है.

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी)

नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के तहत चार स्वायत्त बोर्ड बनाने का प्रावधान है जिसमें 25 सदस्य इस संरचना के शीर्ष पर होंगे. यानी एनएमसी एक 25 सदस्यीय संगठन होगा जिसमें एक अध्यक्ष, एक सदस्य सचिव, आठ पदेन सदस्य और 10 अंशकालिक सदस्य आदि शामिल होंगे. इस कमीशन का काम अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षा को देखना, साथ ही चिकित्सा संस्थानों की मान्यता और डॉक्टरों के पंजीकरण की व्यवस्था को भी देखना होगा. इस कमीशन में सरकार द्वारा नामित चेयरमैन और सदस्य होंगे जबकि बोर्डों में सदस्य, सर्च कमेटी द्वारा तलाश किए जाएंगे. यह कैबिनेट सचिव की निगरानी में बनाई जाएगी.

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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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