खेल मंत्रालय ने हाल ही योगासन को खेल का दर्जा देने के बाद एक और बड़ा फैसला लिया है. मंत्रालय ने हरियाणा में होने वाले ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021’ में गटका और कलारीपयट्टू सहित चार देशज (स्वदेशी) खेलों को शामिल करने की मंजूरी दी है. इसमें शामिल किये गये दो अन्य खेल मल्लखंब और थांग-ता है.
इस फैसले के बारे में खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भारत में स्वदेशी खेलों की समृद्ध विरासत है और खेल मंत्रालय की प्राथमिकता इन खेलों को संरक्षित, बढ़ावा और लोकप्रिय बनाने की है. उन्होंने कहा कि इन खेलों के खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा करने के लिए खेलो इंडिया गेम्स से बेहतर कोई और मंच नहीं है.
खेल मंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि 2021 में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में इन चार खेलों के साथ योगासन देश के खेल प्रेमियों और युवाओं का ध्यान आकर्षित करेगा. आने वाले दिनों में खेलों इंडिया में हम और देशज खेलों को शामिल करेंगे. ये चारों खेल देश के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
गटका:- गटका पंजाब के सिखों से जुड़ी मार्शल आर्ट का एक रूप है. यह छड़ी-लड़ाई की एक शैली है. इसमें लकड़ी की छड़ें होती हैं, जो तलवारों का अनुकरण करने के लिए होती हैं. यह 15वीं शताब्दी में पंजाब में उत्पन्न हुआ था. गटका की शुरुआत पंजाब में हुई और निहंग सिख योद्धा की युद्ध (लड़ाई) की इस पारंपरिक शैली को आत्मरक्षा के साथ-साथ खेल के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं.
कलारीपयट्टू: कलारीपयट्टू एक भारतीय मार्शल आर्ट है जो आधुनिक केरल में उत्पन्न हुआ था. कलारीपयट्टू का भारतीय मार्शल आर्ट के भीतर एक लंबा इतिहास रहा है. यह भारत में सबसे पुराना जीवित मार्शल आर्ट है. यह अभी भी अस्तित्व में सबसे पुरानी मार्शल आर्ट के बीच माना जाता है. यह तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व की है. कलारीपयट्टू में हिंदू धर्म पर आधारित अनुष्ठान हैं, और इसके चिकित्सीय उपचार आयुर्वेद पर आधारित हैं. बॉलीवुड अभिनेता विद्युत जामवाल भी कलारीपयट्टू के लिए जाने जाते हैं.
थांग-ता: थांग-ता भी मार्शल आर्ट का एक भारतीय रूप है जो पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में उत्पन्न होता है. थांग-ता मार्शल आर्ट्स के हुयेन लैंग्लोन रूप का सशस्त्र लड़ाकू घटक है. प्राथमिक हथियार थंग (तलवार) और टा (भाला) हैं. अन्य हथियारों में ढाल और कुल्हाड़ी शामिल हैं. थंग-ता का अभ्यास अनुष्ठान, प्रदर्शन और युद्ध के लिए किया जाता है. मार्शल आर्ट थांग-ता, हाल के दशकों में गुमनामी में चला गया था लेकिन खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मदद से इसे फिर से राष्ट्रीय पहचान मिलेगी.
मल्लखंब: स्वदेशी खेल मल्लखंब एक पारंपरिक खेल है, जिसमें एक जिमनास्ट एरियल योग करता है. इसमें एक जिमनास्ट एक ऊर्ध्वाधर स्थिर या लटकी हुई लकड़ी के खंभे, बेंत या रस्सी के साथ संगीत कार्यक्रम में हवाई योग या जिम्नास्टिक आसन और कुश्ती पकड़ता है. पोल आमतौर पर अरंडी के तेल से शीशम पॉलिश से बनाया जाता है. मल्लखंब पूरे भारत में खेला जाता है लेकिन यह मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में काफी लोकप्रिय है.
खेलो इंडिया यूथ गेम्स क्या है?
खेलो इंडिया यूथ गेम्स की शुरुआत साल 2018 में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स के रूप में हुई थी. इसमें दो तरह के प्रतिभागी हिस्सा लेते हैं. अंडर-17 कैटेगिरी में स्कूल और अंडर-21 कैटेगिरी में कॉलेज के स्टूडेंट्स इसमें हिस्सा लेते हैं. इसका आयोजन साल में एक बार जनवरी या फरवरी में किया जाता है और यह नेशनल लेवल का ग्रासरूट गेम्स है. हर साल इसमें 1,000 बेस्ट खिलाड़ियों को चुना जाता है. इस इवेंट का पहला संस्करण दिल्ली के इंदिरा गांधी एरीना में आयोजित किया गया था जिसमें 16 खेल शामिल थे.
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