केंद्र सरकार ने 13 अगस्त 2018 को पीएनबी धोखाधड़ी मामले में इलाहाबाद बैंक की पूर्व एमडी उषा अनंतसुब्रमण्यम को बर्खास्त कर दिया है. उनकी बर्खास्तगी ठीक उसी दिन हुई जिस दिन वह रिटायर होने वालीं थी. सरकार ने अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी.
बतौर रिपोर्ट्स, सरकार ने सीबीआई को उषा अनंतसुब्रमण्यम पर मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. इससे पहले मई 2018 में पीएनबी मामले में सीबीआई की चार्जशीट में नाम आने के बाद अनंतसुब्रमण्यम के सभी अधिकार तत्काल प्रभाव से वापस ले लिए गए थे.
इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने पूर्व कार्यकारी निदेशक राम एस संगापुरे के खिलाफ भी अभियोजन शुरू करने को कहा है. सरकार ने प्रणाली को साफ सुथरा करने की कवायद के तहत पीएनबी के कार्यकारी निदेशक संजीव शरण के खिलाफ भी अभियोजन चलाने की मंजूरी दी है.
उषा अनंतसुब्रमण्यम के बारे में:
• उषा अनंतसुब्रमण्यम का जन्म 01 अक्टूबर 1960 को हुआ था.
• वे दो बार पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में शीर्ष पदों पर रही.
• वे इलाहाबाद बैंक में जाने से पहले अगस्त 2015 से लेकर मई 2017 तक पंजाब नेशनल बैंक की प्रबंध निदेशक थीं.
• वे जुलाई 2011 से नवंबर 2013 तक वह बैंक की कार्यकारी निदेशक रहीं थी.
पृष्ठभूमि:
इलाहाबाद बैंक निदेशक मंडल ने 14,000 करोड़ रुपये के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में सीबीआइ द्वारा दायर आरोप पत्र में उषा का नाम आने के बाद वित्त मंत्रालय के निर्देश पर यह कदम उठाया था. लेकिन वह बैंक की कर्मचारी बनीं हुईं थी. वे 13 अगस्त 2018 को रिटायर होने वालीं थी पर उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया.
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