केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जेईई (एडवांस्ड) में सुधार के लिए पांच सदस्यीय समिति के गठन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया. इस समिति का नेतृत्व आईआईटी मद्रास के निदेशक भास्कर राममूर्ती द्वारा किया जायेगा.
समिति के कार्य
• इस समिति को एक मज़बूत व वैज्ञानिक एंट्रेंस एग्जाम सिस्टम विकसित करने का कार्य सौंपा गया है.
• इस नए एंट्रेंस सिस्टम से छात्रों की क्षमता का पता भी लगना चाहिए तथा इससे कोचिंग संस्थानों पर उनकी निर्भरता भी कम होनी चाहिए.
• इस समिति के अन्य सदस्य अभय करान्दिकर (आईआईटी कानपूर के निदेशक), विनीत जोशी (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के महानिदेशक) व आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर कन्नक मौद्गाल्या हैं.
पृष्ठभूमि
2018 जेईई (एडवांस्ड) की मेरिट लिस्ट में केवल 18,138 उम्मीदवार ही थे, यह कुल सीटों का 1.6 गुना ही था. 2012 के बाद यह उम्मीदवारों की सबसे कम संख्या थी. नियम के अनुसार मेरिट लिस्ट में कुल सीटों से दुगने उम्मीदवार होने चाहिए. इस परिस्थिति को देखते हुए केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आईआईटी कानपूर (इस बार जेईई एडवांस्ड का आयोजन आईआईटी कानपुर द्वारा किया गया) को नियम के मुताबिक मेरिट लिस्ट में कुल सीटों से दुगने उम्मीदवार शामिल करने का निर्देश दिया. इसके बाद आईआईटी कानपुर ने मेरिट लिस्ट में 13,842 अन्य उम्मीदवारों को शामिल किया था.
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