ग्रेटा थनबर्ग ने अन्तर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार जीता

Nov 25, 2019, 11:48 IST

ग्रेटा थनबर्ग ने विश्व भर के बच्चों को साथ लेकर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एक अभियान आरंभ किया था.

Peace Prize to Greta Thunberg
Peace Prize to Greta Thunberg

ग्रेटा थनबर्ग को हाल ही में अन्तर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें यह सम्मान पर्यावरण संरक्षण के लिए वैश्विक स्तर पर आवाज़ उठाने के लिए दिया गया है.

थनबर्ग ने विश्व भर के बच्चों को साथ लेकर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एक अभियान आरंभ किया था. उनके अतिरिक्त कैमरून की शांति अधिकार कायकर्ता 15 वर्षीय डिविना मेलौम को भी अन्तर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. डच बाल अधिकार संगठन ‘किड्स राइट’ यह पुरस्कार वर्ष 2005 से दे रहा है.

ग्रेटा थनबर्ग को बाल शांति पुरस्कार

• वर्ष 2014 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता तथा भारतीय बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी द्वारा ग्रेटा को सम्मानित किया गया. ग्रेटा थनबर्ग स्वयं इस समारोह में भाग नहीं ले सकीं क्योंकि वे एक अन्य जलवायु परिवर्तन में भाग लेने के लिए नाव द्वारा मेड्रिड (स्पेन) तक यात्रा कर रही हैं.
• हालांकि उन्होंने यह सन्देश भिजवाया कि वे इस सम्मान को पाकर बेहद प्रसन्न हैं एवं गौरवान्वित हैं.
• उनके स्थान पर जर्मनी की जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता लुइसा मैरी ने यह पुरस्कार ग्रहण किया.

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डिविना मेलौम को बाल शांति पुरस्कार

डीविना मेलौम को जिहादी समूह बोको हरम के खिलाफ "शांतिपूर्ण संघर्ष" के लिए अभियान चलाए जाने पर इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्होंने पुरस्कार समारोह के दौरान अपने भाषण में कहा कि जब वे कैमरून और अफ्रीका में नेताओं के भाषण सुनती हैं तो देखती हैं कि नेता बच्चों को भूल जाते हैं. उन्होंने कहा कि वे अपने सहयोगियों को आवाज उठाने के लिए आमंत्रित करती हैं.

ग्रेटा थनबर्ग के बारे में

• स्वीडन की ग्रेटा थनबर्ग (16 वर्षीय) को 2019 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है. ग्रेटा पर्यावरण की रक्षा के लिए काम करती हैं.
• ग्रेटा क्लाइमेट मूवमेंट के लिए स्कूल स्ट्राइक की संस्थापक हैं. उनके द्वारा चलाया जा रहा आंदोलन पिछले साल शुरू हुआ, जब ग्रेटा ने स्वीडिश संसद के बाहर अकेले विरोध करना आरंभ किया.
• उन्होंने छात्रों को जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई करने के लिए विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया.
• उन्होंने पेरिस समझौते के अनुसार कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए स्वीडन की संसद के सामने विरोध किया.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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