गिनी में मिला कोरोना व इबोला की तरह घातक मारबर्ग वायरस, जानें इसके लक्षण

Aug 11, 2021, 10:39 IST

मारबर्ग इबोला व कोरोना वायरस जैसा ही वायरस है, जो पशुओं से मनुष्यों तक फैल सकता है. कोरोना की तरह चमगादड़ इस वायरस का वाहक है. 

Marburg Virus
Marburg Virus

कोविड-19 के बीच एक और घातक वायरस ने दस्तक दे दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 09 अगस्त 2021 को बताया कि पश्चिमी अफ्रीका के गिनी गणराज्य में इबोला जैसा जानलेवा और घातक मारबर्ग वायरस पहली बार मिला है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार गिनी के दक्षिणी क्षेत्र गुकेगु में 02 अगस्त 2021 को एक मरीज की मौत के बाद सैंपल की जांच में इस वायरस की पुष्टि हुई है. कोरोना वायरस लगातार अपने वेरिएंट में वृद्धि कर रहा है, जो दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. ऐसे में नए वायरस का दस्तक देना भयावह मंजर की तरफ इशारा करता है.

मारबर्ग वायरस: एक नजर में

मारबर्ग इबोला व कोरोना वायरस जैसा ही वायरस है, जो पशुओं से मनुष्यों तक फैल सकता है. कोरोना की तरह चमगादड़ इस वायरस का वाहक है. इससे मौत का खतरा 24 से 88 प्रतिशत है. गिनी सरकार ने देश में इस वायरस के होने की पुष्टि कर दी है. डब्ल्यूएचओ ने बताया कि इससे पहले दक्षिण अफ्रीका, अंगोला, केन्या, युगांडा, और कांगो गणराज्य में ये वायरस मिल चुका है.

डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा?

डब्ल्यूएचओ ने ये भी स्पष्ट किया है कि मारबर्ग वायरस से राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर खतरा अधिक हो सकता है, लेकिन वैश्विक स्तर पर इसके फैलने के खतरे का कोई संकेत नहीं है. वायरस को यही पर रोकने के लिए गिनी में इबोला वायरस से निपटने वाली स्वास्थ्य विभाग की टीम को ही मोर्चे पर लगाया गया है.

मारबर्ग वायरस के लक्षण

डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि गिनी में मिले इस वायरस की चपेट में आने वाले व्यक्ति को अचानक बुखार, सिर में दर्द, मांसपेशी में दर्द, शरीर के किसी हिस्से से खून निकलना, उल्टी में खून आदि तकलीफ अधिक होती है. ये वायरस भी संपर्क में आने या शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थों या उतकों से फैल सकता है. मारबर्ग वायरस के लक्षण 2 से 21 दिनों के बीच नजर आ सकते हैं

लाइलाज बीमारी

डब्ल्यूएओ ने बताया कि कोरोना वायरस की तरह मारबर्ग संक्रमण भी लाइलाज है. इसमें भी केवल लक्षणों का इलाज होता है जिससे रोगी की तकलीफ कम की जाए. राहत के लिए ड्रिप इत्यादि रोगी की स्थिति के आधार पर चिकित्सक देते हैं. अभी तक कोई सटीक दवा या इंजेक्शन नहीं है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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