हरियाणा विधानसभा ने 15 मार्च 2018 को सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया जिसके तहत 12 साल या उससे कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के अभियुक्तों को मृत्युदंड का प्रावधान है.
इस विधेयक को बजट सत्र के अंतिम दिन पारित किया गया. विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया. राज्य में बढ़ रहे आपराधिक मामलों को देखते हुए यह विधेयक पारित किया गया.
विधेयक से संबंधित मुख्य तथ्य:
• हरियाणा विधानसभा में 15 मार्च 2018 को दण्ड विधियां (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2018 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.
• संशोधन विधायक में दुष्कर्म जैसे आपराधिक मामलों में आजीवन कारावास और मृत्यु दंड तक का प्रावधान किया गया है.
• भारतीय दंड संहिता की धारा 376- ए के बाद धारा 376- एए को जोड़ा गया जिसमें 12 से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों के लिए मृत्युदंड या कठोर सजा का प्रावधान किया गया है.
• कठोर सजा की सूरत में यह 14 साल से कम नहीं होगी और उससे ऊपर आजीवन कारावास तक हो सकता है.
• भारतीय दंड संहिता की धारा 376- डी के बाद धारा 376 - डीए को भी जोड़ा गया है जिसमें 12 साल तक की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म होता है तो समूह में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को दुष्कर्म का दोषी माना जाएगा और उन्हें फांसी की सजा या न्यूनतम 20 वर्ष की सश्रम कैद दी जाएगी.
हरियाणा तीसरा राज्य:
मध्य प्रदेश इस बिल को पास करने वाला पहला राज्य था. इसके बाद राजस्थान ने इस बिल को मंजूरी दी. हरियाणा तीसरा राज्य बन गया है जहां विधानसभा ने यौन अपराधों के दोषियों के लिए मौत की सजा के प्रावधान को स्वीकृति दी है.
पृष्ठभूमि:
हरियाणा सरकार ने यह कदम दुष्कर्म के बढ़ते मामलों पर काबू पाने के लिए लिया है. हरियाणा सरकार का मानना है कि ऐसा करने से दुष्कर्म के मामलों पर काबू पाने में मदद होगी. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस बिल की चर्चा पहले की थी.
हरियाणा सरकार ने घोषणा की थी कि बच्चियों से रेप करने के आरोपी को सख्त से सख्त सजा देने का प्रावधान किया जाएगा. विधानसभा में बिल पास होने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि इससे अपराधियों के मन में भय पैदा होगा. सरकार के इस फैसले से देश के अन्य राज्यों में भी इस तरह के कानून लाने का दबाव बढ़ सकता है.
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