हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने घोषणा करते हुए कहा कि राज्य में पांच से अधिक छात्राओं को शैक्षणिक संस्थानों से लाने और ले जाने के लिए छात्रा परिवहन सुरक्षा योजना शुरू की जाएगी.
उद्देश्य |
इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को सुरक्षा मुहैया करवाना है. |
छात्रा परिवहन सुरक्षा योजना से संबंधित मुख्य तथ्य:
• प्रत्येक स्कूल और कॉलेज में परिवहन से संबंधित एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा.
• छात्रा अपने गांव के रास्तों के बारे में जानकारी देंगी.
• सरकार तीन पहिया और बसों से लड़कियों को सुविधा प्रदान करेगी और सरकार सभी खर्चों को वहन करेगी.
• राज्य सरकार ने महिलाओं की सुविधा के लिए अलग-अलग जिलों में पुलिस थाने खोले हैं और इसके अलावा महिला डेस्क बनाए हैं.
• पुलिस में महिलाओं की संख्या पहले केवल 6 प्रतिशत थी, लेकिन अब 9 प्रतिशत तक किया गया है और इसी सत्र में इसको 10 से 11 प्रतिशत तक ले जाने का निर्णय किया गया है.
• महिलाओं की सुविधा के लिए 20 किलोमीटर के दायरे में महिला कॉलेज खोले जा रहे हैं और अब तक 22 कॉलेज खोले जा चुके हैं, जबकि 29 कॉलेज और खोले जा रहे हैं.
हाल ही में हरियाणा सरकार ने 12 साल से कम आयु की बच्ची के साथ रेप के मामले पर फांसी की सजा का प्रावधान किया है, जिसे केन्द्र सरकार ने भी अपनाया है. महिला की सुरक्षा वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है. पंचायतों में 33 प्रतिश्त आरक्षण होने के बावजूद 42 प्रतिशत महिलाएं चुनकर आई हैं.
पृष्ठभूमि:
गांव से स्कूल और कॉलेज आने वाली लड़कियों की संख्या बहुत कम है, इस कारण हरियाणा सरकार ने तीन पहिया वाहन प्रदान करने जा रही हैं. इस योजना के कार्यान्वयन से लड़कियों की पढाई स्कूल और कॉलेज में नहीं छुटेगी. यह उम्मीद किया जा रहा है की वाहन सेवा प्रदान करने से लड़कियों की संख्या स्कूल और कॉलेज बढ़ेगी. यह ‘बेटी पढाओ’ योजना के लिए एक सकारात्मक कदम है मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में सरकार 132 मार्गों पर ‘छात्रा स्पेशल बस’ चला रही है.
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