हरियाणा में राज्य सरकार द्वारा 52वां हरियाणा दिवस मनाया गया. राज्य सरकार ने हरियाणा दिवस को जल संरक्षण को समर्पित किया. इस अवसर पर राज्य सरकार ने हरियाणा राज्य तालाब प्राधिकरण का गठन किया. वर्ष 2001 में जल संरक्षण मिशन को वर्तमान संदर्भ में संशोधन करके लागू करने के निर्देश भी जरिकिए गए.
जल संरक्षण पर 1 नवंबर 2017 को चंडीगढ़ में जल का सदुपयोग विषय पर आयोजित सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए सीएम मनोहर लाल ने यह घोषणाएं कीं. सेमिनार का आयोजन हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग और हरियाणा सिंचाई अनुसंधान एवं प्रबंधन संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से किया गया.
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इस अवसर पर मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता राजेंद्र सिंह ने 30 साल बाद दक्षिण हरियाणा और मसानी बांध तक हरियाणा सरकार द्वारा नहरी पानी पहुंचाने पर सरकार की खुले दिल से प्रशंसा की.
दिल्ली और एनसीआर की करीब 4 करोड़ जनसंख्या के पीने के पानी की जरूरत सरकारों के लिए चिंता का विषय बनता जा रही है. इससे बचाव हेतु भूजल रिचार्जिंग की अधिक से अधिक योजनाएं बनाई जानी चाहिए.
शिवालिक क्षेत्र में 8-9 जगहों पर बरसात के अतिरिक्त पानी के भंडारण के लिए चेक-डैम बनाए जाने की घोषणा की. भूजल का भंडार सीमित मात्रा में है, प्रति वर्ष जोहड़ों की खुदाई की दिशा में भी बढ़ने की आवश्यकता है. इस पानी को रीसाइकल करके इसका पुन: प्रयोग कर विकृति से संस्कृति की ओर बढ़ने जरूरत है.
हरियाण राही सरकार के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने घोषणा की कि 135 किलोमीटर लंबे कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर जल संरक्षण की योजनाओं को आधुनिक तकनीक के साथ बढ़ाया जाएगा.
प्रमुख तथ्य-
हरियाणा राज्य तालाब प्राधिकरण के माध्यम से प्रदेश के करीब 14000 तालाबों के पानी को साफ करके सिंचाई हेतु उपयोग करने योग्य बनाया जाएगा.
इसके साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से सीएम मनोहर लाल ने सिंचाई कार्यों पर 60 करोड़ रुपए खर्च करने की भी घोषणा की.
हरियाणा स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह के लिए निर्धारित 100 करोड़ रुपए में से 60 करोड़ रुपए बच गए हैं और यह पैसा सिंचाई के उपयोग हेतु खर्च करने की भी घोषणा की.
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