केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने देश भर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद 2 जुलाई 2017 को नई कर व्यवस्था के बारे में कुछ गलतफहमियों को दूर किया. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए जीएसटी से जुड़ी सात गलतफहमियों को दूर किया.
देश में 01 जुलाई 2017 से जीएसटी व्यवस्था लागू हो गई है. इसमें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार टैक्से दरें रखी गई हैं. इसके बाद से सोशल मीडिया और अन्य जरियों से इसको लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं.
जीएसटी के बारे में चल रहे मौजूद मिथकों को बारी-बारी से स्पष्टीकरण:
मिथ | वास्तविकता |
मिथ 1: मुझे सभी इनवायस कंप्यूटर या इंटरनेट पर ही निकालने होंगे. | वास्तविकता 1: इनवॉइस हाथ से भी बनाए जा सकते हैं. |
मिथ 2: जीएसटी के तहत कारोबार करने हेतु मुझे पूरे समय इंटरनेट की जरूरत होगी. | वास्तविकता 2: इंटरनेट की जरूरत सिर्फ मासिक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने हेतु होगी. |
मिथ 3: मेरे पास प्रोविजनल आईडी है, लेकिन कारोबार करने हेतु अंतिम आईडी का इंतजार कर रहा हूं. | वास्तविकता 3: प्रोविजनल आईडी आपका अंतिम जीएसटीआईएन संख्या होगा. कारोबार शुरू कीजिए. |
मिथ 4: मेरे कारोबार से संबंधित वस्तुएं पहले कर मुक्त थीं, इसलिए मुझे अब कारोबार शुरू करने से पहले तत्काल नए पंजीकरण की जरूरत होगी. | वास्तविकता 4: आप कारोबार जारी रख सकते हैं और 30 दिनों के भीतर पंजीकरण करा लीजिए. |
मिथ 5: हर महीने तीन रिटर्न दाखिल करने होंगे. | वास्तविकता 5: तीन हिस्सों वाला सिर्फ एक ही रिटर्न है, जिसमें से पहला हिस्सा कारोबारी द्वारा दाखिल किया जाएगा और दो अन्य हिस्से कंप्यूटर द्वारा स्वत: दाखिल हो जाएंगे. |
मिथ 6: छोटे कारोबारियों को भी रिटर्न में इनवॉइस वार विवरण दाखिल करने होंगे. | वास्तविकता 6: खुदरा कारोबारियों (बी2सी) को केवल कुल बिक्री का सार भरने की जरूरत होगी. |
मिथ 7: नई जीएसटी दरें पहले के वैट से अधिक हैं. | वास्तविकता 7: यह उत्पाद शुल्क और अन्य करों के कारण अधिक लगती है, जो पहले नहीं दिखती थी, और अब जीएसटी में मिला दी गई है और इसलिए दिखाई दे रही है. |
जीएसटी पूरे देश के लिए एक अप्रत्येक्ष कर है जो भारत को एकीकृत साझा बाजार बना देगा. जीएसटी विनिर्माता से लेकर उपभोक्ता तक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एक एकल कर है. जीएसटी का पूरा नाम गुड्स एंड सर्विस टैक्स (वस्तु एंव सेवा कर) है. जीएसटी वह वैट है जिसमे वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर ही लागू किया गया.
यह केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से लिए जा रहे 15 से अधिक इनडायरेक्ट टैक्स के बदले में लगाया जा रहा है. 1 अप्रैल 2010 से देशभर में जीएसटी लागू करने की बात कही गई थी. वर्ष 2011 में प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री रहते हुए इसे संसद में पेश किया था. जम्मू-कश्मीर को छोड़कर सभी राज्य स्टेट जीएसटी कानून पारित कर चुके हैं. जीएसटी 1 जुलाई 2017 से देशभर (जम्मूट–कश्मीर को छोड़कर) में लागू हो गया है.
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