Coronavirus New Home Isolation Guidelines: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों और कोविड की तीसरी लहर की आशंका के बीच हल्के / बिना लक्षण वाले मरीजों के होम आइसोलेशन के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं. कोरोना के संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ही कई सारे नियमों में बदलाव करने जा रही है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने हल्के/बिना लक्षण वाले कोरोना रोगियों के होम आइसोलेशन के लिए संशोधित गाइडलाइन जारी की है. मंत्रालय ने कहा कि पॉजिटिव होने के सात दिन और तीन दिनों तक लगातार बुखार नहीं आने के बाद होम आइसोलेशन के तहत रोगी को छुट्टी दे दी जाएगी और आइसोलेशन खत्म हो जाएगा.
Union Health Ministry issues revised guidelines for home isolation of mild/asymptomatic COVID-19 patients pic.twitter.com/5OyCGGM2qh
— ANI (@ANI) January 5, 2022
होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइंस
• नए दिशा-निर्देशों के अनुसार होम आइसोलेशन के तहत उन मरीजों को छुट्टी दी जाएगी जो पॉजिटिव आने से कम से कम 7 दिन तक अपने घरों में रहे हैं.
• इसके अतिरिक्त ऐसे मरीजों को भी होम आइसोलेशन से छुट्टी मिलेगी जिन्हें लगातातर 3 दिनों तक बुखार नहीं हुआ हो.
• होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइन को केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में कड़ाई से अमल में लाने के लिए प्रदेश सरकारों को कंट्रोल रूम दुरुस्त रखने का निर्देश दिया गया है. इससे कोरोना वायरस के मरीजों की मॉनिटरिंग सही तरह से की जा सके.
• यदि घर में क्वारंटीन मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ती है तो उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा. इसके लिए एंबुलेंस, टेस्टिंग से लेकर अस्पताल में बेड तक की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
• बता दें कि देश में रोजाना कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. मरीज को हमेशा ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए. अगर मास्क गीला हो जाता है या दिखने में गंदा हो जाता है तो उन्हें 8 घंटे के उपयोग के बाद या उससे पहले मास्क को हटा देना चाहिए.
• मास्क को टुकड़ों में काटकर और कम से कम 72 घंटे के लिए पेपर बैग में डालकर फेंक देना चाहिए. मरीज घर के अन्य लोगों के साथ बर्तन सहित व्यक्तिगत सामान साझा नहीं करेंगे.
• रोगी के लिए पल्स ऑक्सीमीटर के साथ ऑक्सीजन सेचुरेशन की सेल्फ मॉनिटरिंग की सलाह दी जाती है. ऑक्सीजन लेवल गिरने या सांस की तकलीफ के मामले में, व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती की जरूरत हो सकती है और अपने इलाज करने वाले चिकित्सा अधिकारी/निगरानी दल/कंट्रोल रूम से तुरंत सलाह लेनी चाहिए.
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