मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 04 अप्रैल 2018 को पेपर लीक के मामलों की रोकथाम करने के उद्देश्य से सीबीएसई द्वारा दसवीं और बारहवीं कक्षाओं की परीक्षा कराने की समूची प्रणाली पर गौर करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की है.
यह समिति पेपर लीक के मामलों की रोकथाम करने के उद्देश्य से गठित की गयी. समिति को यह सुनिश्चित करना है कि परीक्षा प्रणाली में प्रश्न पत्र बगैर लीक हुए परीक्षार्थी तक पहुंच सकें.
अध्यक्ष और समिति के सदस्य:
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अवकाश प्राप्त सचिव विनय शील ओबेरॉय इस सात सदस्यीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष होंगे.
- पवनेश कुमार, अवकाश प्राप्त परीक्षा नियंत्रक, सीबीएसई और पूर्व सचिव
- प्रोफेसर जे.एस राजपूत, यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड में भारत के प्रतिनिधि, एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक एवं एनसीटीई के पूर्व अध्यक्ष
- प्रोफेसर वसुधा कामत, स्वतंत्र निदेशक, इरकॉन एवं पूर्व कुलपति, एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय
- प्रोफेसर कृष्ण मोहन त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा निदेशक, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष
- एनआईसी के डीजी के वरिष्ठ प्रतिनिधि।
- संयुक्त सचिव (माध्यमिक शिक्षा–II)
समिति के संदर्भ की शर्तें:
- इस प्रणाली में अंतर्निहित सुरक्षा जांच से संबंधित समस्त पहलुओं पर नये सिरे से गौर करना, ताकि बिना किसी गड़बड़ी के प्रश्न पत्रों को परीक्षार्थियों तक पहुंचाना सुनिश्चित हो सके.
- प्रिंटिंग प्रेस से परीक्षार्थियों तक प्रश्न पत्रों को पहुंचाने की वर्तमान प्रणाली में अंतर्निहित संभावित खामियों के समस्त पहलुओं पर नये सिरे से गौर तथा आकलन करना.
- ऐसे उपाय सुझाना जिससे कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर तथा किसी भी व्यक्ति को प्रश्न पत्र सौंपने की आवश्यकता को न्यूनतम कर इस प्रणाली को और ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सके.
उपर्युक्त उच्चाधिकार प्राप्त समिति 31 मई 2018 को अथवा उससे पहले अपनी रिपोर्ट पेश कर देगी. गौरतलब है कि पिछले दिनों सीबीएसई की दसवीं तथा 12वीं कक्षा की परीक्षाओं में लीक होने के मामले सामने आए हैं.
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