केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने 29 अगस्त 2018 को नई दिल्ली में विश्व के सबसे बड़े ओपन इनोवेशन मॉडल के तृतीय संस्करण ‘स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन -2019’ का शुभारंभ किया.
स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन (एसआईएच)-2019 जीवन में आने वाली कुछ गंभीर समस्याओं के समाधान के लिए छात्रों को एक मंच मुहैया करवाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी पहल है. इससे नवाचार की संस्कृति तथा समस्या समाधान की मानसिकता विकसित होती है. इस नए संस्करण में लगभग 3000 संस्थानों से एक लाख से भी अधिक छात्रों को सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों तथा केंद्रीय मंत्रालयों के आड़े आने वाली चुनौतियों पर काम करने का अवसर मिलेगा. इसमें पहली बार उद्योगों एवं गैर सरकारी संगठनों के समस्या-विवरण भी शामिल किये जायेंगे.
प्रमुख लाभ |
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पृष्ठभूमि
स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन -2017 ने भारत के 29 केंद्रीय मंत्रालयों से प्राप्त समस्या विवरणियों का अवलोकन किया. 20 परियोजनाओं को परामर्श दिया गया और उन्हें सृजनात्मक रूप से तैयार किया गया. वे अब संबंधित मंत्रालयों को सौंपे जाने तथा नियोजित किये जाने के लिए तैयार हैं.
स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन -2018 स्मार्ट इंडिया ने 27 केंद्रीय मंत्रालयों और 17 राज्य सरकारों को जोड़ा. पहली बार विशेष हार्डवेयर संस्करण की शुरूआत की. मंत्रालय अब 2000 से भी अधिक विजयी टीमों (सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों संस्करणों के अंतर्गत) के कुछ सर्वश्रेष्ठ विचारों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया में हैं तथा परामर्श एवं समग्र समाधान तैयार करने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी.
महत्व |
इससे जहां विद्यार्थियों को विश्व के कुछ शीर्ष संगठनों के लिए विश्वस्तरीय समाधान निकालने का अवसर प्राप्त होगा वहीं संगठनों को प्रतिभाशाली मस्तिष्कों से संपर्क करने तथा इनके नियोजन के लिए ब्रांड बनाने का अवसर भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि आईआईएसीज, आईआईटीज, एनआईटीज और एआईसीटीई/यूजीसी से अनुमोदन प्राप्त संस्थानों के विद्यार्थियों को समस्या समाधान की सृजनात्मक प्रतिस्पर्धा में बैठने तथा तकनीकी समाधान प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा. |
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