देश में नागर विमानन ढांचे के विकास, उसके उन्न्यन, रखरखाव और प्रबंधन के उत्तरदायित्व के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए, भारतीय विमानन प्राधिकरण (एएआई) ने उत्तराखंड राज्य सरकार के साथ सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं.
इस मामले में राज्य में नागर विमान क्षेत्र के विकास हेतु उत्तराखंड नागर विमानन विकास प्राधिकरण (यूसीएडीए) ने भारतीय विमानन प्राधिकरण (एएआई) के साथ समझौता किया है.
सहमति ज्ञापन पर उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव एस रामास्वामी और महा प्रबंधक (व्यापार विकास) अनिल गुप्ता ने हस्ताक्षर किये. समझौता से उत्तराखंड में हवाई अड्डे क्षेत्रीय संपर्क योजना को भी प्रोन्नत किया जाएगा. इनसे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को वायु संपर्क मिल सकेगा.
समझौता का उद्देश्य-
- सहमति ज्ञापन का कार्य क्षेत्र उत्तराखंड में नागर विमानन ढांचे के विकास को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों की पहचान करना है.
- राज्य में विभिन्न हवाई अड्डों की व्यवसायिक संभावना का आकलन भी दोनों संस्थाएं मिलकर करेंगी.
- समझौता का उद्देश्य राज्य में हवाई अड्डे के संचालन हेतु तकनीकी जरूरतों का पता लगाना भी है.
- परियोजनाओं के विकास हेतु तकनीकी और इंजीनियरिंग मानदंडों से जुड़े स्थानों का मूल्यांकन करने, भविष्य की परियोजनाओं के लिए पूंजीगत खर्च का अनुमान लगाने और राज्य में वर्तमान तथा भविष्य के नागर विमानन ढांचों के लिए मास्टर प्लान बनाने के लिए है.
हवाई अड्डों का संचालन-
एएआई पिथौरागढ़ में अपग्रेड किये गये और बाद में चिनियालीसौड़ में हवाई अड्डों का संचालन शुरू करने के लिए आवश्यक क्लीयरेंस लेने में यूसीएडीए की सहायता करेगा.
नागर विमानन विकास प्राधिकरण-
भारत सरकार का नागर विमानन मंत्रालय नोडल प्राधिकरण है, जो देश में नागर विमानन उद्योग हेतु विकास और विनियमन के लिए राष्ट्रीय नीतियां और कार्यक्रम बनाने के लिए जिम्मेदार है.
इसके कार्यों का विस्तार हवाई अड्डा सुविधाओं, हवाई यातायात सेवाओं और वायु द्वारा सवारी और माल के आवाजाही का पर्यवेक्षण भी करना है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation