भारत और यूरोपीय संघ ने असैन्य परमाणु करार को अंतिम रूप दिया, जानें विस्तार से

Jul 16, 2020, 10:10 IST

यूरोपीय संघ भारत के लिए रणनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है. यूरोपीय संघ 2018 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था.

India and EU finalise civil nuclear pact in Hindi
India and EU finalise civil nuclear pact in Hindi

भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) ने 15 जुलाई 2020 को होने वाले डिजिटल शिखर सम्मेलन से पहले असैन्य परमाणु क्षेत्र में सहयोग के लिए एक मसौदा समझौते को अंतिम रूप दिया है. भारत और यूरोपीय संघ ने 13 साल से हो रही बातचीत के बाद इसे अंतिम रूप दिया है. यह जानकारी 27-सदस्यों वाले संगठन के अधिकारियों ने दी.

दोनों पक्षों ने उम्मीद जताई कि शिखर सम्मेलन में दोनों पक्ष संबंधों को व्यापक बनाने, समुद्री सुरक्षा पर अलग से बातचीत शुरू करने और व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के अतिरिक्त सीबीआई और यूरोपोल के बीच प्रभावी सहयोग के लिए एक प्रक्रिया की शुरुआत की खातिर पांच साल का रोडमैप जारी करेंगे.

यूरोपीय संघ भारत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र

यूरोपीय संघ भारत के लिए रणनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है. यूरोपीय संघ 2018 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था. वित्त वर्ष 2018-19 में यूरोपीय संघ के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 115.6 अरब अमेरिकी डॉलर था जिसमें निर्यात 57.67 अरब अमेरिकी डॉलर का था जबकि आयात 58.42 अरब अमेरिकी डॉलर का था.

प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत- यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन से पहले कहा कि इस वार्ता से यूरोप के साथ देश के आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंध और मजबूत होंगे. इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य व्यापार, निवेश और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक संबंधों को बढ़ावा देना है.

भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता

लंबे समय से लंबित भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के बारे में अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच के मौजूदा व्यापारिक संबंध इसकी क्षमता से कम हैं और संगठन की अपेक्षा से काफी कम है. लंबित समझौते को यूरोपीय संघ-भारत स्थित व्यापार एवं निवेश समझौते (बीटीआईए) के रूप में जाना जाता है.

वर्ष 2007 में शुरू हुई बातचीत: पृष्ठभूमि

प्रस्तावित समझौते के लिए साल 2007 में शुरू हुयी बातचीत में कई बाधाएं आयीं क्योंकि कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच मतभेद उभर कर सामने आए. ईयू ऑटोमोबाइल में महत्वपूर्ण शुल्क कटौती के अतिरिक्त शराब, स्पिरिट, डेयरी उत्पादों पर करों में कटौती और मजबूत बौद्धिक संपदा व्यवस्था चाहता है. दूसरी ओर, भारत चाहता है कि यूरोपीय संघ उसे डेटा सुरक्षित राष्ट्र का दर्जा दे. भारत उन देशों में से है जिन्हें यूरोपीय संघ सुरक्षित डेटा वाला देश नहीं मानता है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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