भारत और मालदीव ने 12 अक्टूबर, 2020 को ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (GMCP) के कार्यान्वयन के लिए 400 मिलियन अमरीकी डालर के क्रेडिट ऑफ लाइन (LOC) समझौते पर हस्ताक्षर किये. यह द्वीप राष्ट्र में एकल सबसे बड़ी कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा परियोजना है.
एक्ज़िम बैंक के महाप्रबंधक और मालदीव के वित्त मंत्री इब्राहिम आमेर के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. इस LOC समझौते पर हस्ताक्षर करने की खबर मालदीव में भारतीय उच्चायोग ने एक आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के माध्यम से साझा की है.
GMCP के कार्यान्वयन के लिए अनुदान
अगस्त, 2020 में भारत ने यह घोषणा की थी कि, वह ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (GMCP) के कार्यान्वयन के लिए 100 मिलियन अमरीकी डालर का अनुदान और लाइन ऑफ क्रेडिट (LOC) के माध्यम से 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर देगा. विदेश मंत्री एस. जयशंकर के अनुसार, माले को गुलफिहालु पोर्ट और थिलाफुशी औद्योगिक क्षेत्र से जोड़ने वाली 6.7 किलोमीटर की यह पुल परियोजना मालदीव की अर्थव्यवस्था को बदलने और पुनर्जीवित करने में मदद करेगी.
भारत के विदेश मंत्री और मालदीव के विदेश मंत्री के बीच बैठक के बाद इस अनुदान की घोषणा की गई थी. एस. जयशंकर ने व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के बीच नियमित कार्गो फेरी सेवा शुरू करने की भी घोषणा की थी.
मालदीव को भारत से मिली वित्तीय सहायता
इससे पहले 20 सितंबर, 2020 को भारत ने अपने इस पड़ोसी देश को कोविड -19 महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए वित्तीय सहायता के रूप में 250 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भी प्रदान की थी.
कोविड -19 के प्रकोप के कारण हुए वित्तीय प्रभाव को कम करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को मालदीव के राष्ट्रपति, इब्राहिम मोहम्मद सोलीह द्वारा किए गए एक तत्काल अनुरोध के जवाब में भारत द्वारा यह आर्थिक सहायता प्रदान की गई थी.
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